Move to Jagran APP

निगम को औद्योगिक क्षेत्र से आमदनी करोड़ों की, लेकिन सुविधाएं न के बराबर

मोहाली नगर निगम औद्योगिक क्षेत्र से करोड़ों रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स वसूल रहा है। बावजूद क्षेत्र में उद्योगपतियों को सुविधाएं न के बराबर है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 06:07 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 06:07 PM (IST)
निगम को औद्योगिक क्षेत्र से आमदनी करोड़ों की, लेकिन सुविधाएं न के बराबर
निगम को औद्योगिक क्षेत्र से आमदनी करोड़ों की, लेकिन सुविधाएं न के बराबर

जागरण संवाददाता, मोहाली : मोहाली नगर निगम औद्योगिक क्षेत्र से करोड़ों रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स वसूल रहा है। बावजूद क्षेत्र में उद्योगपतियों को सुविधाएं न के बराबर है। इंडस्ट्रियल एरिया से निगम हर साल चार करोड़ टैक्स लेता है, लेकिन डेवलपमेंट पर खर्च सिर्फ 36 लाख रुपये किए जाते हैं। आरटीआइ से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले तीन साल में 12 करोड़ रुपये टैक्स लिया गया। जबकि खर्च 1.08 करोड़ रुपये किया गया। मोहाली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एमआइए) कई बार यह मुद्दा उठा चुकी है कि इंडस्ट्रियल एरिया का इंफ्रास्ट्रक्चर निगम की ओर सही से मेंटेन नहीं किया जा रहा है। यहां तक की सड़कें व ग्रीन बेल्ट्स की हालत भी खराब है। निगम जितना पैसा इंडस्ट्रियल एरिया से प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में हर साल लेता है, उसका आधा भी इंडस्ट्रियल एरिया पर खर्च नहीं किया जाता है।

loksabha election banner

एमआइए के मुताबिक इंडस्ट्रियल एरिया से प्रति वर्ष चार करोड़ रुपये टैक्स इकट्ठा होता है वो इस वर्ष से पांच करोड़ के आस पास पहुंच जाएगा। क्योंकि पहले निगम इंडस्ट्रियल एरिया फेज-8बी से टैक्स नहीं लेता था अब इस एरिया को भी निगम में शामिल कर लिया गया है। यहां पर भी निगम अब प्रॉपर्टी टैक्स लेगा। तो निगम को पड़ेगा अब पांच करोड़ का घाटा

निगम की ओर से पिछले वर्ष पूरे शहर से 25 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स जनरेट किया गया था। इस बार भी 28 करोड़ का ही लक्ष्य रखा गया है। लेकिन सरकार और इंडस्ट्रियल विभाग की ओर से केंद्र की स्कीम के तहत अब इंडस्ट्रियल एरिया को मेंटेन करने के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल के तहत इंडस्ट्रियलिस्ट की एक बॉडी बनाई है जो कि खुद अपने एरिया का टैक्स इकट्ठा करेगी और खुद ही उसे विकास कार्यों पर खर्च करेगी। इसके लिए टेंडर लगाने से लेकर मॉनिटरिग तक का अधिकार इसी बॉडी को होगा। अगर ऐसा होता है तो नगर निगम को पहले झटके में ही करीब पांच करोड़ रुपये का घाटा पड़ेगा। निगम का टैक्स कम होकर 28 से 23 करोड़ रह जाएगा। जबकि इस बॉडी को केंद्र सरकार से भी 10 करोड़ रुपये की राशि विकास कार्यों के लिए एक बार दी जाएगी। सड़कें, पार्क, ड्रेनेज सिस्टम व स्ट्रीट लाइट खस्ता हाल

एमआइए के पूर्व अध्यक्ष संजीव वशिष्ट ने बताया कि लंबे समय से इंडस्ट्रियल एरिया को निगम की ओर से तवज्जो नहीं दी जाती है। सड़कें, पार्क, स्ट्रीट लाइट्स जैसी बुनियादी सुविधाएं खस्ताहाल हैं। बार-बार पत्र लिखने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती थी। ड्रेनेज सिस्टम ठीक न होने के चलते पानी की निकासी का प्रबंध भी चरमराता है। फैक्ट्रियों में पानी भर जाता है। इसी कारण शंका हुई कि पता किया जाए कि टैक्स कितना जाता है और खर्च निगम कितना इंडस्ट्रियल एरिया पर करता है। जो आंकड़े आए वो चौंकाने वाले थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.