पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र में जहरीली शराब पर सरकार की ढ़ाल बनेगा कोरोना
पंजाब विधानसभा का मानसून सत्र 28 अगस्त को होगा। इस सत्र में जहरीली शराब के मामले को लेकर सरकार घिरेगी तो कोरोना उसकी ढ़ाल बनेगा।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब विधानसभा का मानसून सत्र 28 अगस्त को होगा। इसमें विपक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार को जहरीली शराब मामले पर घेरेगा तो कोरोना सरकार की ढाल बनगा। दरअसल, कोरोना वायरस का खौफ पंजाब विधान सभा के मानसून सत्र पर पूरी तरह से हावी होता दिखाई दे रहा है। सरकार उम्र का हवाला देकर विधान सभा सत्र को लंबे समय तक खींचने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि विधान सभा की कार्यवाही 28 अगस्त को शुरू होकर इसी दिन खत्म हो जाएगी। संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा का कहना है, कोरोना वायरस की समस्या है और विधान सभा का सत्र 3 सितंबर से पहले बुलाना भी है। इसलिए एक दिन का सत्र बुलाया गया है।
कोरोना के कारण एक ही दिन में सिमट जाएगा विधानसभा का मानसून सत्र
पंजाब सरकार जानती है कि विपक्ष के तरकश में 'जहरीली शराब' और रेत खनन में 'गुंडा टैक्स' जैसे तीर हैं। इनका सामना करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। कहा जा रहा है कि इसी कारण कैबिनेट मंत्रियों की उम्र का हवाला देकर विधान सभा सत्र को छोटा कर दिया गया है। कोरोना का सहारा सरकार को विपक्ष के जहरीली शराब मामले को लेकर हमले से बचा पाएगा।
पंजाब के एक मंत्री गुरप्रीत कांगड़ रविवार को ही कोरोना पाजिटिव आए हैं। जबकि डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी भी पाजिटिव पाए गए हैं। इन दोनों से पहले कोरोना पाजिटिव आए कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बजावा 73 साल की उम्र में कोरोना को मात दे चुके हैैं। इन सब के अलावा आठ विधायक भी अब तक कोरोना पाजिटिव आ चुके हैैं। अहम पहलू यह है कि पंजाब कैबिनेट में आठ ऐसे मंत्री है जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड लाइन के अनुसार 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना से बचाव पर विशेष ध्यान देने चाहिए। वहीं, मुख्यमंत्री समेत तीन मंत्री ऐसे है जिनकी उम्र 70 से अधिक है। सबसे अधिक उम्र मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (77 वर्ष) की है। वह शुगर से लड़ाई लड़ रहे हैैं। वहींं, संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा (73 वर्ष) की ओपन हार्ट सर्जरी हो चुकी है। इसके अलावा सुखविंदर सिंह सरकारिया 64, अरुणा चौधरी 63, ओपी सोनी 63, सुंदर शाम अरोड़ा 62 और सुखजिंदर सिंह रंधावा 61 वर्ष के हैं। विधान सभा के स्पीकर राणा केपी सिंह की उम्र भी 65 वर्ष है।
विधानसभा सत्र एक दिन के लिए बुलाए जाने का एक अन्य पहलू यह भी है कि कोरोना वायरस के इस दौर में हरियाणा ने भी केवल दो दिन का विधासभा सत्र बुलाया है। सरकार यह जानती है कि विपक्ष के पास सत्ता पक्ष को घेरने के लिए पर्याप्त मुद्दे हैैं। जहरीली शराब 123 लोगों की जान ले चुकी है तो करीब एक दशक से अवैध रेत खनन को लेकर राज्य में राजनीतिक मुद्दा गर्म रहा है।
हाईकोर्ट ने भी रोपड़ में रेत खनन के बाद लग रहे गुंडा टैक्स को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए हैैं। सीबीआई को जांच दिया जाना पंजाब सरकार के लिए गहरा आघात है। क्योंकि राज्य में कांग्रेस सरकार बनने से पहले लंबे समय तक कांग्रेस नेता दूसरे दलों को पर आरोप लगाते रहे हैैं। ऐसे में कोरोना सत्ता पक्ष के लिए राम बाण से कम नहीं है।
बता दें कि पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय सत्र 28 अगस्त को होगा। कोविड के बाद पहली बार सत्र बुलाने का फैसला सोमवार को मुख्यमंंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेस के जरिए हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। सत्र दो बैठकों में होगा। पहली बैठक में सुबह पिछले दिनों दिवंगत हस्तियों को श्रद्धाजंलि दी जाएगी और दूसरी बैठक में विभिन्न बिल पास करवाने के लिए सदन में रखे जाएंगे।
इस बात की संभावना भी है कि सत्र से प्रश्न काल और शून्य काल स्थगित कर दिए जाएं। विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह ने भी कहा है कि ऐसा किया जा सकता है। सत्र के लिए विधानसभा के सीमित स्टाफ को ही बुलाया जा रहा है। उधर, मुख्यमंत्री दफ्तर से कहा गया है कि संविधान के अनुसार पिछले सत्र के छह महीने के अंदर अगला सत्र बुलाना जरूरी है। इसलिए फिलहाल एक दिन का सत्र बुलाया गया है। कोविड की स्थिति सुधरने के बाद रेगुलर और लंबा सत्र बुलाया जाएगा।