Coronavirus: गांवों में ज्यादा फैला संक्रमण, पंजाब 89 फीसद मरीज हुए स्वस्थ
Coronavirus का संक्रमण पंजाब में शहरों की अपेक्षा अधिक फैला। पंजाब में कोरोना मरीज जितनी तेजी से बढ़े उसी तरह ठीक भी हाे रहे हैं। राज्य कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट 89 फीसदी है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब में कोरोना वायरस से ग्रामीण ज्यादा प्रभावित हुए या शहरी, यह सवाल हर किसी के जेहन में उठ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में कोरोना से संक्रमित होने वालों में ग्रामीण अधिक हैं, लेकिन इसमें एक रोचक तथ्य यह है कि इनमें से ज्यादातर लोग शहरी क्षेत्रों में जाने के बाद संक्रमित हुए। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू भी इस बात को मानते हैं कि ज्यादा समस्या शहरी क्षेत्रों में आई।
52 फीसदी मरीज ग्रामीण क्षेत्रों, 48 फीसदी कोरोना संक्रमित शहरी इलाकों से
इस बीच पंजाब में कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य में कुल 2143 मरीजों में से 1898 यानी 89 फीसद ठीक हो चुके हैं। रविवार को मानसा जिला भी कोरोना मुक्त हो गया। यहां के सिविल अस्पताल में भर्ती आखिरी दो मरीजों को भी अस्पताल से छुट्टी दे गई। जिले के सभी 33 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इससे पहले फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, फिरोजपुर और फाजिल्का भी कोरोना मुक्त हो चुके हैं। रविवार को प्रदेश भर से 28 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शहरों में आने से हुए अधिक संक्रमण
गौरतलब है कि पंजाब में कुल संक्रमित 2143 कोरोना पाजिटिव मरीजों में से 1186 के करीब मरीज महाराष्ट्र के हजूर साहिब से पंजाब आए। ये श्रद्धालु ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं, लेकिन ये महाराष्ट्र के शहरी क्षेत्र से संक्रमित होकर पंजाब पहुंचे थे। इसी प्रकार डेराबस्सी के जवाहरपुर गांव के करीब 40 केस पॉजिटिव पाए गए। ये सभी लॉकडाउन के बाद शहरी क्षेत्रों में राशन वितरण करते समय संक्रमित हुए थे।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी डॉ. राजेश भास्कर ने कहा कि 52 फीसद मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े हैं और 48 फीसद शहरी क्षेत्रों से। हालांकि, वह यह मानते हैं कि अगर श्रद्धालुओं व जवाहरपुर के मामलों को छोड़ दें तो तस्वीर बदल जाती है। क्योंकि फिर अभी तक प्रभावित हुए संक्रमितों में से 1300 मरीजों की संख्या कम हो जाएगी।
अनाज मंडियों में एक भी पॉजिटिव केस नहीं
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू कहते हैं कि पहली नजर में कहा कि राज्य में 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई। इन विषम परिस्थिति में हुई खरीद के दौरान मंडियों में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आया। यह बात अपने आप में साबित करती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रभाव कम था। वहीं आंकड़े बताते है कि जब तक राज्य में हजूर साहिब से श्रद्धालु नहीं लौटे थे, तब तक पंजाब के पांच जिले पूरी तरह कोरोना मुक्त थे।
इनमें बठिंडा, फिरोजपुर, फाजिल्का, तरनतारन और मानसा शामिल थे। श्रद्धालुओं के आने के बाद अचानक कोरोना का ग्राफ ऊंचाई छूने लगा। श्रद्धालुओं के स्वस्थ होते ही कई जिले कोरोना मुक्त हो गए। भले ही आंकड़ों में पंजाब में 2143 पॉजिटिव केस हों, लेकिन ठीक होने वालों की संख्या भी 1898 है।
19 और पॉजिटिव
रविवार को राज्य में रविवार को 19 और पॉजिटिव मामले सामने आए। पठानकोट में सबसे ज्यादा सात, अमृतसर में पांच, होशियारपुर में चार, गुरदासपुर में दो और जालंधर में एक मामला रिपोर्ट हुआ।
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