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कोरोना सिर्फ बहाना..मनीमाजरा ट्रिपल मर्डर केस को है दबाना!

साल 2020 की शहर में सबसे बड़े और निर्मम मनीमाजरा ट्रिपल मर्डर की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 07:53 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 07:53 PM (IST)
कोरोना सिर्फ बहाना..मनीमाजरा ट्रिपल मर्डर केस को है दबाना!
कोरोना सिर्फ बहाना..मनीमाजरा ट्रिपल मर्डर केस को है दबाना!

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : साल 2020 की शहर में सबसे बड़े और निर्मम मनीमाजरा ट्रिपल मर्डर केस के करीब साढ़े सात महीने बाद पुलिस के पास मृतक बड़े कारोबारी संजय अरोड़ा की संपत्ति-लोन और कर्ज का ब्यौरा तक नहीं निकाल पाई। जांच के नाम पर चुपके-चुपके कानूनी औपचारिकता करती दिख रही स्मार्ट पुलिस के पास मामले से जुड़े एक भी अहम सवाल का जवाब नहीं है। चंडीगढ़-पंचकूला कई करोड़ों की नामी संपत्ति, ब्याज और प्रॉपर्टी का बड़ा कारोबार करने वाले संजय अरोड़ा द्वारा 10 करोड़ रुपये के लिए पत्नी और बेटा-बेटी की गला रेतकर हत्या के बाद खुद ट्रेन के सामने कटने की बिना पुष्टि वाली कहानी पर पुलिस अटकी हुई है। 23 जनवरी 2019 को मॉडर्न हाउसिग कांप्लेक्स में ग्राउंड फ्लोर में रह रहे संजय अरोड़ा की पत्नी सरिता अरोड़ा, अर्जुन अरोड़ा और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में कानून की छात्रा सांची अरोड़ा की हत्या कर दी थी। इसके बाद संजय अरोड़ा रेलवे ट्रैक पर नाजुक हालत में गिरा हुआ मिला था, जिसने पीजीआइ में दम तोड़ दिया था। प्रॉपर्टी 70 करोड़ और कर्ज 10 करोड़, अब वारिस भी नहीं?

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पंचकूला के मशहूर कृष्णा बेकरी के मालिक संजय अरोड़ा के पास करीब 70 करोड़ की चल-अचल संपति थी। इसके अलावा उसके लाखों में ब्याज का लेना-देना और बेनामी प्रॉपर्टी भी थी। जबकि वारदात के बाद 10 करोड़ का कर्ज होने के मानसिक परेशान होकर वारदात करने की बात सामने आई थी। इतनी संपत्ति होने के बावजूद कारोबारी पत्नी-बच्चों की निर्ममता से हत्या के बाद खुदकशी कर परिवार क्यू खतम करेगा? शोरुम में भाइयों का हिस्सा, उनके पास जा रहा किराया

पंचकूला के कई शोरुम में संजय अरोड़ा के दोनों भाईयों का हिस्सा बताया जा रहा है। संजय की मौत के बाद उनसे आने वाला लाखों की किराया भी भाईयों के पास ही जा रहा है। वारदात के पास स्वजनों पर भी शक जाहिर करने वाली पुलिस मामले में चंद लोगों से पूछताछ और बयान दर्ज कर कोरोना खतम होने का इंतजार कर रही है। कभी भी शराब नहीं पीने वाले कारोबारी संजय को वारदात के दिन शराब पीलाने वाले को भी पुलिस नहीं खोज पाई है। पुलिस बोली- सवालों के जवाब में समय लगेगा

पुलिस अधिकारियों ने जवाब देने के लिए पीआरओ डीएसपी चरणजीत सिंह को नियुक्त कर रहा है। पीआरओ टीम जवाब के नाम पर सिर्फ टालमलोट करके समय पास करने में लगी थी। बाद में जवाब मिला कि सवाल ज्यादा है, जवाब में समय लगेगा। जबकि केंद्रीय मंत्रालय ने लॉकडाउन लागू करने के साथ पुराने केसों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने का निर्देश दिया है।


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