ठेकेदार कर्मचारियों के वेतन से काटता रहा पीएफ, बाद में हुआ ये खुलासा Chandigarh News
सफाई ठेकेदार हर माह सफाई कर्मचारियों के वेतन से 800 रुपये पीएफ के तौर काटता है लेकिन इस राशि को जमा नहीं करवाया। ऐसा करीब दो साल से हो रहा था।
मोहाली, जेएनएन। मोहाली नगर निगम ने ठेकेदार की ओर से सफाई कर्मचारियों के पीएफ में किए गए घोटाले के जांच के आदेश दे दिए हैं। मेयर कुलवंत सिंह ने बताया कि सफाई यूनियन ने उन्हें मामले को लेकर अवगत करवाया था। इसके बाद जांच के लिए निगम कमिश्नर भूपिंदर सिंह को कहा गया है। सफाई ठेकेदार हर माह सफाई कर्मचारियों के वेतन से 800 रुपये पीएफ के तौर काटता है, लेकिन इस राशि को जमा नहीं करवाया जा रहा था। ऐसा करीब दो साल से हो रहा था। इससे सरकार और कर्मचारियों को भी नुकसान हुआ है। करीब 78 लाख रुपये का चूना सफाई कर्मचारियों को लगा है। इस मामले में रिपोर्ट आने के बाद पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया जाएगा।
ये है पूरा मामला
नगर निगम के ठेकेदार लेबर के साथ ठगी करके निगम के सरकारी खजाने को चपत लगा रहे हैं। निगम के ठेकेदार के पास पिछले दो साल से काम कर रहे हैं। ठेकेदार ने कर्मचारियों को वेतन तो दिया, लेकिन वेतन में से उनके पीएफ की राशि काटने के बावजूद उक्त राशि पीएफ डिपार्टमेंट में जमा ही नहीं करवाई। कर्मचारियों ने जब पीएफ अकाउंट चेक करवाया तो पता चला कि पीएफ अकाउंट में सिर्फ चार महीने का पीएफ ही जमा हुआ है। जबकि दो साल से उनकी सेलरी में से ठेकेदार की ओर से पीएफ काटा जा रहा है।
हर साल आउटसोर्स कर्मचारियों पर खर्च होते हैं 30 से 40 करोड़
निगम हर साल आउटसोर्स कर्मचारियों पर ठेकेदारों को 30 से 40 करोड़ रुपये की राशि अदा करता है। इसमें सैनिटेशन की आउटसोर्स की गई लेबर, पार्को के लिए लेबर, पब्लिक टॉयलेट्स, इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट में आउटसोर्स के जरिए ठेकेदारों से लेबर लेता है। ऐसे में इस बात पर निगम को ध्यान रखना चाहिए कि क्या ठेकेदार इस आउटसोर्स लेबर का पीएफ जमा करवा रहे हैं या नहीं। मेयर कुलवंत ¨सह ने कहा कि जल्द ही इस मामले की जांच पूरी कर ली जाएगी।