प्रदर्शनकारियों को विधायक नहीं मिले तो पत्नी को थमा दिया 'धक्केशाही अवार्ड'
ठेका कर्मचारी यूनियन कर्मचारियों ने मोहाली में जमकर रोष प्रदर्शन किया। वह विधायक से मिलने पहुंचे तो वे वहां नहीं थी। उन्होंने विधायक की पत्नी की धक्केशाही अवार्ड दे ड़ाला।
जेएनएन, मोहाली। ठेका कर्मचारी यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारी मोहाली के विधायक बलबीर सिंह सिद्धू के घर का घेराव करने के लिए पहुंचे। इस दौरान जब विधायक घर पर नहीं मिले तो तो प्रदर्शनकारियों ने उनकी पत्नी को धक्केशाही अवार्ड दे ड़ाला।
कर्मचारियों ने कहा कि सरकार इसी के काबिल है। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने रेगुलर तो क्या करना था ? बल्कि वेतन में ही कटौती कर ड़ाली और सुविधा केंद्रों में काम करे कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया। ठेका कर्मचारी व सुविधा केंद्र कर्मचारी नेता संजीव कुमार, राजीव, स्नेहा ने कहा कि पिछले एक साल से वे अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे है।
विधायक कहते हैं कि मुख्यमंत्री समस्या का हल करेंगे। मुख्यमंत्री मिलते नहीं, इसलिए हमने धक्केशाही आवार्ड बनाया, जो कि राज्य के सभी जिलों में विधायकों को दिया जा रहा है। ठेका यूनियन कर्मचारी के प्रेस सचिव राजिंदर सिंह ने बताया पिछली सरकार ने 27 हजार कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए पॉलिसी बनाई थी।
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के लिए कैप्टन सरकार ने भी यहीं कहा कि रेगुलर किया जाएगा। लेकिन सत्ता मिलते ही सब पलट गए। अभी तक एक भी मीटिंग नहीं हुई, इसलिए इस अवार्ड को चलाया जा रहा है। सरकार अब कह रही है कि रेगुलर होकर काम करना है तो सिर्फ दस हजार ही मिलेगा, लेकिन हमें ये मंजूर नहीं।
किसानों ने भी किया प्रदर्शन
उधर, किसानों ने भी अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रेटर मोहाली एडिया डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से आसपास के 26 गांवों की जमीन अधिगृहित करने के विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। किसानों ने कहा कि उन्हें लैंड पूलिंग स्कीम मंजूर नहीं है। पैसा सरकार देना नहीं चाहती।
किसान नेता लखविंदर, कश्मीर सिंह, बाकरपुर के किसान अमर सिंह ने कहा कि अधिकारी हमारे साथ धोखा कर रहे है। सरकार बुरी नहीं। अधिकारी प्यार से जमीन ले लेते है। अब कह रहे हैं कि पैसे नहीं हैं। जमीन के बदले जमीन ले लो, लेकिन हम चाहते हैं कि जो लोग जमीन के बदले जमीन चाहते हैं वे जमीन ले जो पैसे चाहते हैं वे पैसे। किसानों ने कहा कि हमारे पास पहले जमीन कम है। अगर हमें जमीन का सही मूल्य नहीं दिया तो प्रदर्शन किया जाएगा इस तरह हम जमीन नहीं देंगे।
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