रकम लौटाने के साथ जुर्माना भी अदा करेगा कोचिंग इंस्टीट्यूट
जासं, चंडीगढ़। कंज्यूमर फोरम ने एक मामले में सुनवाई करते हुए शनिवार को सेक्टर-35 स्थित ए
जासं, चंडीगढ़।
कंज्यूमर फोरम ने एक मामले में सुनवाई करते हुए शनिवार को सेक्टर-35 स्थित एफआईआईटी जेईई लिमिटेड (कोचिंग इंस्टीट्यूट) के खिलाफ फैसला सुनाया। आदेश में कहा गया है कि संस्थान सेक्टर-36 निवासी शिकायतकर्ता को 1.22 लाख रुपये वापस लौटाए। इसके अलावा संस्थान को बतौर मुआवजा 34 हजार रुपये की भी अदायगी करनी होगी। शिकायतकर्ता का आरोप था कि दाखिले के बाद उसके बेटे पर संस्थान की ओर से अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा था।
शिकायतकर्ता अशोक गुप्ता ने कंज्यूमर फोरम को दी शिकायत में बताया था कि उसने इसी इंस्टीट्यूट में दो साल के जेईई कोर्स की कोचिंग के लिए अपने बेटे का दाखिला कराया। 24 जनवरी 2016 को दो साल के लिए चेक के जरिए इंस्टीट्यूट को एडवांस फीस जमा कराई गई थी। उनके बेटे जतिन गुप्ता ने इंस्टीट्यूट में पहले दो महीने क्लास भी लगाई, लेकिन इंस्टीट्यूट के पढ़ाने के तौर-तरीके से वह संतुष्ट नहीं था।
अक्टूबर 2016 में इंस्टीट्यूट में हुए इंटर्नल एग्जाम में जतिन गुप्ता स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण अच्छा परफॉर्म नहीं कर सका। इसके चलते इंस्टीट्यूट के मैनेजमेंट स्टाफ ने जतिन गुप्ता को हायर बैच से लोअर बैच में भेज दिया। मैनेजमेंट के इस व्यवहार के चलते जतिन खुद को इंस्टीट्यूट के माहौल में ढाल नहीं पा रहा था। ऐसे में प्रेशर के चलते उसकी स्टडी पर बुरा असर पड़ रहा था। इसके चलते जतिन के पिता अशोक गुप्ता ने उसे दूसरे कोचिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला दिला दिया।
अशोक गुप्ता ने दूसरे इंस्टीट्यूट में फीस के तौर पर 1.15 लाख रुपये जमा कराए। इसके बाद अशोक गुप्ता ने एफआईआईटी जेईई लिमिटेड से एडवांस के तौर पर जमा कराई गई फीस वापस लौटाने के लिए कहा।
मामले में कंज्यूमर कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का हवाला देते हुए कोचिंग इंस्टीट्यूट पर भावनात्मक रूप से अत्याचार किए जाने की बात कही। साथ ही फैसला सुनाते हुए इंस्टीट्यूट को 1.22 लाख रुपये लौटाने और 34 हजार रुपये मुआवजा देने के आदेश जारी किए।