श्रीराम मंदिर का बनना पीढ़ी का सौभाग्य : सूद
उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे एक सपना साकार हो रहा हो।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : उन्हें ऐसा लग रहा है, जैसे एक सपना साकार हो रहा हो। यह उनकी पीढ़ी का सौभाग्य है कि जो भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है और दो साल बाद लोग वहां पर जाकर दर्शन भी कर पाएंगे। मंदिर के निर्माण के लिए लाखों लोगों ने अपनी कुर्बानियां दी हैं। भगवान राम पूरे देश के आराध्य हैं और इस समय हर कोई हर्ष और खुशी से इसे एक पर्व के तौर पर मना रहा है। उन्हें खुशी है कि आंदोलन में वे भी एक कार सेवक के तौर पर काम कर चुके हैं। यह कहना है कि चंडीगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद का। सूद का कहना है कि आंदोलन के तहत शहर में हुए हर कार्यक्रम में शामिल हुए थे। साल 1990 से पहले शहर में शीलाओं की पूजा जगह-जगह होती थी और वह हर कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि पूरे शहर से शीलाओं की पूजा के बाद सेक्टर-23 के मुनि मंदिर से यह अयोध्या गई थी, उस समय भी वह वहां पर मौजूद थे। उस समय के तत्कालीन केरल के प्रचारक आंनद कुमार भी मौजूद थे। उसी दिन ही वह आरएसएस के संघ सेवक बने थे। राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान प्रभातफेरिया और कीर्तन होते थे, जिसमें हर वर्ग के लोग शामिल होते थे। जिस समय ढांचा गिराया गया था, उस समय वे शहर के अन्य लोगों के साथ अयोध्या में मौजूद थे। ढांचा गिराने के बाद मलबा हटाने तक वे अयोध्या में ही मौजूद रहे।
किसी एक का श्रेय नहीं, पूरे हिदू समाज के कारण हो रहा है निर्माण शुरू : तिवारी
यह किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे विश्व के हिदू समाज के कारण निर्माण शुरू हो रहा है। यह कहना है कांग्रेस महासचिव शशि शंकर तिवारी का। उन्होंने कहा कि 1990 से पहले कार सेवक के तौर पर राम जन्मभूमि के आंदोलन के तहत हुए हर कार्यक्रम में शामिल हुए। 1990 में जब उन्हें अन्य साथियों के साथ आगरा के जेल में 14 दिन तक बंद कर दिया, तो किसी को भी मायूसी नहीं थी। जेल से छूटने के बाद भी दिल था कि अयोध्या की तरफ बढ़ जाना चाहिए। उस समय वे आरएसएस से जुड़ हुए थे। किसी एक को इसका श्रेय नहीं दिया जा सकता। भगवान राम सबके हैं व अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनना हर हिंदू का सपना है। इसमें राजनीति बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने ताला खुलवाकर अयोध्या में विश्व हिदू परिषद (विहिप) के राम मंदिर आंदोलन को आधार दिया, तो तत्कालीन गृह मंत्री सरदार बूटा सिंह की एक अहम सलाह ने जन्मभूमि की जमीन हासिल करने की राह आसान कर दी। आज तक इतनी भीड़ किसी रैली में नहीं जुटी : चंद्रशेखर
भाजपा के प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर का कहना है कि ढांचा गिराने से पहले राम जन्मभूमि के लिए चले आंदोलन में भाजपा ही नहीं, बल्कि कांग्रेस और अन्य नेता भी शहर में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेते थे। राम मंदिर के लिए अयोध्या से शिलाएं आई थी, उसकी भी शहर में कई जगह पूजा के कार्यक्रम हुए। जब ढांचा गिराया गया था, उस समय वे वहीं पर मौजूद थे। जितनी भीड़ उस समय थी, उतनी आज तक उन्होंने किसी रैली और कार्यक्रम में नहीं देखी। उन्हें खुशी है कि जिस काम के लिए वे अयोध्या गए थे, वह काम अब पूरा हो रहा है।