लाल डोरे के बाहर बने निर्माण अवैध, एमसी नहीं करवाएगा कोई काम
गांवों में लाल डोरे के बाहर किसी भी तरह का विकास का काम नहीं किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम कमिश्नर केके यादव ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया है कि गांवों में लाल डोरे के बाहर किसी भी तरह का विकास का काम नहीं किया जाएगा। कहा कि लाल डोरे के बाहर जो निर्माण हैं वे सभी अवैध हैं और यहां पर काम करवाने का अधिकार नगर निगम के पास नहीं है। केके यादव ने कहा कि लाल डोरे के बाहर का एरिया अभी भी प्रशासन के पास है। इस एरिया का नगर निगम सर्वे नहीं कर सकता। अरुण सूद ने जब बनाया दबाव
भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने काफी दबाव बनाया कि लाल डोरे के बाहर बने मकान में रहने वाले लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। सूद ने कहा कि पिछले साल नगर निगम में शामिल हुए 13 गांवों के निवासी अगले साल होने वाले चुनाव में पार्षद पद के लिए मतदान करेंगे। इनमें लाल डोरे के बाहर रहने वाले लोग भी मतदान करेंगे। लाल डोरे के बाहर जो जो काम होने हैं, उनका रफ एस्टीमेट बनाकर सदन में लाना चाहिए और उसे प्रशासन में भेजा जाना चाहिए। प्रशासन ही लाल डोरे के बाहर के एरिया का विकास करवाए। लेकिन इसके लिए कमिश्नर केके यादव ने साफ इन्कार कर दिया। मनोनीत पार्षद कमला शर्मा ने कहा कि वह किशनगढ़ गांव के डेवलपमेंट कमेटी की चेयरमैन हैं। वहां की सड़कों की हालत काफी खस्ता है। सीवरेज का पानी पीने वाले पानी में मिक्स हो रहा है। सूद बोले : कमिश्नर क्यों नहीं समझना चाह रहे
जब सूद ने कमिश्नर को कहा कि वह समझना नहीं चाह रहे तो कमिश्नर ने सूद को कहा कि असल में यह सब कुछ लाल डोरे के बाहर बने निर्माण को रेगुलर करने की तरफ ले जाया जा रहा है। मालूम हो कि लाल डोरे के बाहर बने निर्माण को रेगुलर करने का मामला काफी लंबे समय से चल रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लाल डोरे के बाहर बने निर्माण को रेगुलर करने का वायदा किया था।
अवैध पीजी के हादसे का मामला भी गरमाया
सदन में सेक्टर-32 के पीजी में हुए हादसे में मरने वाले तीन लड़कियों की मौत पर शोक व्यक्त किया गया। दो मिनट का मौन भी रखा गया। सदन में यह तय किया गया कि इस तरह के पीजी पर कमर्शियल पानी का बिल चार्ज किया जाए। पूर्व मेयर अरुण सूद ने सदन में कहा कि प्रशासन को पीजी के नॉर्म्स तय करने चाहिए। फायर नॉर्म्स के हिसाब से भी पीजी को चेक करना चाहिए। जबकि कमिश्नर केके यादव ने कहा कि नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार रिहायशी इलाके के मकानों को चेक नहीं किया जा सकता। मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के बीच खींचतानी बढ़ी
मेयर राजबाला मलिक और सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा के बीच खींचतानी बढ़ गई है। यह सदन में देखने को मिला। सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा ने रोज फेस्टिवल पर हो रहे कार्यक्रम और खर्चे पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सेक्टर-16 में फेस्टिवल हो रहा है और वह वहां के पार्षद भी हैं लेकिन उन्हें आयोजक कमेटी का सदस्य भी नहीं बनाया गया है। ऐसे में जो रोज फेस्टिवल के निमंत्रण कार्ड प्रिट हो रहे हैं, उस पर उनका नाम वार्ड पार्षद के तौर पर प्रिट न करवाया जाए। ऐसे में कमिश्नर ने कहा कि निमंत्रण कार्ड प्रिट हो चुके हैं। आयोजक कमेटी के गठन करने का अधिकार मेयर का है। ऐसे में सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा ने कहा कि ऐसे में निमंत्रण कार्ड पर भी उनका नाम काटकर किसी दूसरे का नाम प्रिट करवाना है, यह भी मेयर से ही पूछ लो। पिछले साल जब फेस्टिवल पर 75 लाख रुपये खर्च करने का प्रस्ताव पास किया गया, उस समय कहा गया था कि पार्षदों के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा स्पॉंसरशिप लाई जाएगी लेकिन इस ओर अधिकारियों ने कोई काम नहीं किया। जबकि उनके पास पांच-पांच लाख रुपये के स्पॉंसरशिप थी लेकिन उन्हें संपर्क नहीं किया गया। सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा ने कहा कि जिस एक्ट के तहत मेयर का चुनी गई हैं, उसी एक्ट के अनुसार ही उन्हें सीनियर डिप्टी मेयर चुना गया है। सड़कों की खस्ता हालत पर खूब हुई राजनीति
शहर की सड़कों की खस्ता हालत पर कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों में आपस में खूब राजनीति हुई। कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने पिछले दिनों सड़कों पर मेयर द्वारा दिए गए बयान की आलोचना की। जबकि कमिश्नर केके यादव ने कहा कि सड़कों की रीकारपेटिग के लिए प्रशासन की ओर से जल्द 63 करोड़ रुपये की राशि भेजी जा रही है। जबकि मेयर राजबाला मलिक ने बबला द्वारा लगाए गए आरोपों को ड्रामा कहा।