Move to Jagran APP

बिजली बिल नहीं भरने पर कटा मेयर कालिया के घर का कनेक्शन

कालिया के घर का कनेक्शन काट दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:23 AM (IST)
बिजली बिल नहीं भरने पर कटा मेयर कालिया के घर का कनेक्शन
बिजली बिल नहीं भरने पर कटा मेयर कालिया के घर का कनेक्शन

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बिजली का बिल नहीं भरने पर इलेक्ट्रीसिटी डिपार्टमेंट ने मेयर राजेश कालिया के घर का कनेक्शन काट दिया है। डिपार्टमेंट की टीम मलोया स्थित उनके मकान का मीटर तक उखाड़ने आई थी। चंडीगढ़ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी मेयर के घर का कनेक्शन कटा हो। इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। मलोया स्थित मकान नंबर-4272 का डेढ़ लाख रुपये का बिल बकाया था। यह बिल उनको फरवरी 2019 में जारी हुआ था। लेकिन दो महीने गुजरने के बाद भी इसका भुगतान नहीं हुआ, तो इलेक्ट्रीसिटी डिपार्टमेंट ने कनेक्शन काट दिया। हालांकि मेयर राजेश कालिया अभी सेक्टर-24 में अलॉट हुए सरकारी मकान में रह रहे हैं। इससे पहले चुनाव के समय मेयर कालिया मलोया के इसी मकान में अपना कार्यालय बनाते रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव और इससे पहले जब वह काउंसलर का आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे, तो इसी मकान में चुनावी कार्यालय बनाया था। राजेश कालिया ने इस मकान को फिलहाल किराये पर दिया हुआ है। मकान में नीचे दुकानें और ऊपर रहने के लिए कमरे बनाए गए हैं। टेरिस पर मोबाइल कंपनी का टावर लगा है। सवाल यह भी है कि रेजिडेंशियल एरिया में मोबाइल टावर आखिर कैसे लग गया। देय तिथि पर नहीं भरने पर लगी 5 हजार पेनल्टी

loksabha election banner

डिपार्टमेंट के सेक्टर-40 स्थित डिविजन नंबर-10 ने 24 फरवरी को मेयर राजेश कालिया को एक लाख 43 हजार 505 रुपये का बिल जारी किया था। देय तिथि पर भी बिल जमा नहीं कराने पर उन्हें 5724 रुपये पेनल्टी के साथ 1,49,229 रुपये का बिल जमा कराना था। लेकिन उन्होंने जब इसका भुगतान नहीं किया तो डिविजन की टीम ने बिना देरी किए उनका शुक्रवार को कनेक्शन काट दिया। शहर के विवादित मेयर

-राजेश कालिया को भाजपा ने जैसे ही मेयर कैंडिडेट घोषित किया था, तभी से उनके कई विवादित मामले सामने आते रहे हैं। पहले मेयर राजेश कालिया के खिलाफ जिला अदालत के ही वकील हरीश छाबड़ा ने वर्ष 2015 में सिविल केस दायर किया था। बताया था कि सितंबर 2013 में उन्होंने राजेश कुमार को 10 लाख रुपये फ्रेंडली लोन दिया था। इसके बदले में राजेश ने उन्हें चेक दिया था, जो बाउंस हो गया था। इसके लिए अदालत ने राजेश को 1 दिसबंर 2018 के लिए समन जारी किए थे। लेकिन राजेश इस बार भी पेश नहीं हुए। इसके बाद अदालत ने 5 दिसंबर, 2018 को राजेश को एक्स पार्टी करार देते हुए नगर निगम से जारी होने वाली उनकी सैलरी को अटैच करने के आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के बाद एमसी कमिश्नर ने उनकी सैलरी अटैच कर दी थी।

-इसके बाद कालिया पर जेई ने उनकी कोठी में काम करवाने के आरोप लगाते हुए चिट्ठी लिख दी थी। साथ ही मेयर की कुर्सी का त्याग करने की बात कहकर महंगा फोन, झूले और कई तरह की मांग करने पर भी वह चर्चा में रहे। यह मकान उनका ही है, लेकिन अब उन्होंने इसे किराये पर दिया हुआ है। मकान की छत पर मोबाइल कंपनी का टावर लगा है। कंपनी से तीन महीने का किराया नहीं मिला है। जिस कारण बिल जमा कराने में देरी हुई। वह भी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आते हैं। आम आदमी को भी दो किस्तों में बिल अदायगी का मौका मिलता है। हालांकि वह 60 हजार रुपये इलेक्ट्रीसिटी डिपार्टमेंट को जमा करा चुके हैं। बकाया बिल भी शुक्रवार को जमा करा देते, लेकिन पब्लिक हॉलीडे होने के कारण संपर्क सेंटर की छुट्टी रही और वह बिल जमा नहीं करा सके। वह अगले कार्यदिवस में बिल जमा करा देंगे।

राजेश कालिया, मेयर, चंडीगढ़


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.