कांग्रेसी बोले, केंद्र कर रहा दलितों से खिलवाड़, एक्ट में संशोधन के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन
पंजाब कांग्रेस ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मुलाकात कर उन्हें एससी/एसटी एक्ट में किए जा रहे संशोधन के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के प्रधान व गुरदासपुर के सांसद सुनील जाखड़ की अगुवाई में दो दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी विधायकों व मंत्रियों ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मुलाकात कर उन्हें एससी/एसटी एक्ट में किए जा रहे संशोधन के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।
राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार दलितों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार ने दलितों के अधिकारों पर लगातार वार किया है। यह गलत है। उन्होंने कहा कि दलित विद्यार्थियों को मिलने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप का फंड भी केंद्र सरकार ने इस बार कम कर दिया है।
जाखड़ ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा जानबूझ कर एससीएसटी अधिनियम की सुरक्षा के लिए उचित तरीके से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी नहीं की गई। इस कारण से ऐसा हुआ है, जिसके कारण मूल अधिनियम की भावना कमजोर हुई है और इसके साथ ही यह कानून बेअर्थ होकर रह गया है।
उन्होंने कहा कि अगर एनडीए सरकार पूरे जोरदार तरीके के साथ सुप्रीम कोर्ट में इस केस में अपना पक्ष रखती तो ऐसा नहीं नहीं होता। केंद्र सरकार ने जानबूझ कर इस केस की पैरवी के लिए अटार्नी जनरल को अदालत में भेजने के बजाय जूनियर लॉ अफसर को भेजा जो कि एससी समुदाय का पक्ष सही तरीके से नहीं रख सके, जिस कारण मूल कानून के विपरीत फैसला आ गया है।
जाखड़ ने कहा कि इस पद्धति से केंद्र की मोदी सरकार का एससी एसटी विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में इस सरकार का इतिहास सिद्ध करता है कि यह सरकार जानबूझ कर ऐसा करती है कि समाज के कमजोर वर्गों को परेशान किया जा सके। जाखड़ ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक सरकार की मूलभूत जिमेदारी होती है कि वह कमजोर और पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा करें, लेकिन मोदी सरकार मामले में फेल साबित हुई है।
इराक में मारे गए भारतीयों के मामले में जाखड़ ने कहा कि यह केंद्र सरकार की लापरवाही है दूतावास से संबंधित अधिकारियों ने अगर पहले ही मामले को गंभीरता से लिया होता तो यह नौबत ना आती। हम पंजाबियों को मरने से बचा सकते थे। उन्होंने कहा कि जब इराक में आइएसआइएस के आतंकवादी प्रवेश कर रहे थे तभी भारतीयों ने वहां पर दूतावास से संपर्क कर उन्हें निकालने की अपील की थी, लेकिन भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया था।
राज्यपाल से मिलने वालों में सुनील जाखड़, कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा, साधु सिंह धर्मसोत, श्रीमती अरुणा चौधरी, एससी सैल के चेयरमैन और विधायक राजकुमार चबेबाल, विधायक नवतेज सिंह चीमा, बलबीर सिंह सिद्धू, परगट सिंह, राजकुमार वेरका, पवन आदिया, अमित विज, बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा आदि शामिल थे।