गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव से ज्यादा निगम चुनाव को तरजीह देगी कांग्रेस
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए राज्य के दौरे पर निकल पड़े हैं। कांग्रेस का ध्यान लोकसभा उपचुनाव से ज्यादा निगम चुनाव पर है।
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। विधानसभा चुनाव के बाद अब कांग्रेस की नजर नगर निगमों पर है। संभवत: सितंबर में होने वाले चार नगर निगम चुनाव कांग्रेस के लिए गुरदासपुर में होने वाले लोकसभा उप चुनाव से भी ज्यादा महत्व रखते हैं। यही कारण है कि प्रदेश कांग्रेस ने जो ब्लू प्रिंट तैयार किया है, उसमें गुरदासपुर से ज्यादा उन जिलों को तरजीह दी गई है, जहां नगर निगम चुनाव हैं।
प्रदेश के दस नगर निगमों पर अकाली दल और भाजपा का कब्जा है। 10 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस का मानना है कि जब तक नगर निगम पर कांग्रेस का कब्जा नहीं होगा, तब तक सरकार की योजनाओं का फील्ड में सही से क्रियान्वयन नहीं हो सकता। यही कारण है कि शनिवार से फील्ड में उतरने वाले प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने अपना पहला लक्ष्य ही लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और जालंधर को रखा, क्योंकि इन चारों ही नगर निगमों के चुनाव सितंबर में होने हैं।
अहम पहलू यह है कि प्रदेश प्रधान ने नगर निगम चुनाव को देखते हुए विशेष योजना बनाई है। जाखड़ ने कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत संपर्क बढ़ाने के लिए पूरा दिन एक ही जिले में बिताने की नीति बनाई है। यही नहीं जाखड़ न सिर्फ 'कार्यकर्ता सम्मेलन करेंगे बल्कि उन्हीं के साथ बैठ कर खाना भी खाएंगे, ताकि कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत संपर्क बढ़ाया जा सके।
कांग्रेस यह मान रही है कि इस नीति से न सिर्फ कार्यकर्ताओं का मनोबल और बढ़ेगा, बल्कि प्रदेश प्रधान को भी चुनाव से पूर्व संभावित प्रत्याशियों को समझने का मौका मिलेगा। प्रधान बनने के बाद सुनील जाखड़ पहली बार शनिवार को लुधियाना में कार्यकर्ता सम्मेलन करने जा रहे हैं। इसकी फीड बैक के आधार पर ही आगे के जिलों की रणनीति तय की जाएगी, लेकिन यह तय है कि प्रदेश प्रधान का फोकस लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और जालंधर ही होगा।
संगठन को मजबूत करना है लक्ष्य : जाखड़
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ का कहना है कि हर चुनाव कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है। बात चाहे लोकसभा उप चुनाव की हो या नगर निगम चुनाव की। यह जिम्मेदारी इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। हमारा लक्ष्य संगठन को मजबूत करने का है। संगठन मजबूत होगा, कार्यकर्ता उत्साहित तो चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में ही होंगे।
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