हरियाणा ज्यूडिशियल पेपर लीक मामले में चंडीगढ़ का कांग्रेसी नेता व युवती गिरफ्तार
हरियाणा सिविल सर्विसेज (ज्यूडिशियल) पेपर लीक मामले में एसआइटी ने चंडीगढ़ कांग्रेस के नेता व उसके घर में पेइंग गेस्ट रहने वाली युवती को गिरफ्तार किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सिविल सर्विसेज (ज्यूडिशियल) पेपर लीक मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की कड़ी फटकार के बाद एसआइटी ने चंडीगढ़ कांग्रेस कमेटी के कैशियर रहे सुनील चोपड़ा उर्फ टीटू को गिरफ्तार कर लिया। उसके घर में पेइंग गेस्ट रहने वाली व मुख्य आरोपित टॉपर सुनीता की फ्रेंड आयुषी गोदारा को भी पकड़ा गया।
सुनील चंडीगढ़ के सेक्टर-18 स्थित एक मंदिर के प्रधान भी हैं। यहीं पर उसने दूसरे आरोपितों बलविंदर शर्मा व सुनीता के साथ पेपर लीक करने को लेकर कई बार मीटिंग की और धोखाधड़ी का प्रारूप तैयार किया।इसके अलावा दोनों आरोपितों ने हरियाणा के कुरूक्षेत्र में एक होटल व धर्मशाला में भी कुछ बैठकें की। मूलरूप से हरियाणा के झज्जर की रहने वाली 21 वर्षीय आयुषी तीन महीने से फरार चल रही थी। जांच के बाद वह चंडीगढ़ छोड़कर फरार हो गई थी।
सूत्रों के अनुसार दोनों की भूमिका कमीशन पर आवेदकों को जोडऩे, पैसा वसूलने व पेपर लीक में सुनीता के सहयोग की रही। आयुषी के माध्यम से सुनील चोपड़ा पेपर लीक केस से जुड़ा। इसी को आधार बनाकर एसआईटी ने गुप्त सूचना पर पहले आयुषी गोदारा पकड़ा। उसके बाद चंडीगढ़ में दो टीमें टीटू की गिरफ्तारी के लिए उसके घर पहुंची।
दोनों आरोपितों को दोपहर करीब चार बजे इंस्पेक्टर पूनम दिलावरी ने पुलिस टीम सहित जिला कोर्ट में पेश किया। वहां से सुनील को दो दिन व आयुषी को चार दिन के रिमांड पर भेजा गया। इस मामले में मुख्य आरोपित व टॉपर दिल्ली के नजफगढ़ निवासी सुनीता, पंचकूला के सेक्टर-5 निवासी सुशीला और हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. बलविंदर शर्मा की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। दोनों से सेक्टर-26 स्थित ऑपरेशन सेल ब्रांच में पूछताछ की जा रही है।
आरोपित के घर पर क्राइम ब्रांच व ऑपरेशन सेल में बहस
सूत्रों के अनुसार कांग्रेसी नेता सुनील चोपड़ा के घर पर गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अमनजोत व ऑपरेशन सेल टीम के इंचार्ज अपनी टीम सहित पहुंचे। वहां पर टीटू की गिरफ्तारी को लेकर दोनों पक्षों में काफी बहस हुई। दरअसल, इंस्पेक्टर अमनजोत एसआईटी का हिस्सा नहीं है। उसी कारण दोनों टीमों में विवाद हो गया। इस मामले में अधिकारियों का कहना है इंस्पेक्टर अमनजोत आरोपित टीटू को बुलाकर लाने गए थे। वह पहले भागने की कोशिश करने लगा, जिसके बाद उसे पकड़ लिया गया।
हाईकोर्ट में डीजीपी ने खुद ली थी जिम्मेदारी
इस केस में दो दिन पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एचसीएस मामले में सुनवाई के दौरान एसआइटी सहित डीजीपी तेजिंदर सिंह लूथरा पेश हुए थे। उन्होंने केस में कुछ खामियों को स्वीकार कर आगे से केस को खुद लीड करने की जिम्मेदारी ली थी। इस मामले में जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस राजन गुप्ता व जस्टिस जीएस संधावालिया की पूर्ण पीठ ने चंडीगढ़ में ही मामले की एफआइआर दर्ज कर और चंडीगढ़ पुलिस की एसआइटी द्वारा ही जांच के आदेश दिए थे।
डॉ. बलविंदर शर्मा की सुनीता से 760 बार हुई थी फोन पर बातचीत
रजिस्ट्रार बलविंदर शर्मा को निलंबित करने की सिफारिश पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने तत्काल प्रभाव से रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) बलविंदर शर्मा को निलंबित करने का आदेश दे दिया था। निलंबन के बाद उन्हें रोपड़ हेडक्वॉर्टर भेज दिया गया। जांच कमेटी ने भी इस मामले में शर्मा को प्रारंभिक जांच में दोषी पाया था। पुलिस की जांच में यह पहले ही खुलासा हो चुका है कि डॉ. बलविंदर शर्मा और आरोपी सुनीता के बीच पिछले एक वर्ष में 760 बार फोन पर बात हुई। दोनों ने एक-दूसरे को सैकड़ों एसएमएस भी किए थे।
यह है पूरा मामला
109 पदों के लिए निकली भर्ती में आवेदन करने वाली पिंजौर की सुमन ने मामले का खुलासा किया था। उसने आवेदन करने के बाद एक कोचिंग सेंटर ज्वाइन किया तो वहां से पेपर लीक होने की बात का पता चला। सुशीला ने याचिकाकर्ता को 6 सवाल भी बताए थे जो परीक्षा में आने थे। 16 जुलाई को जब परीक्षा हुई तो सभी छह सवाल उसमें थे। उसके बाद हाईकोर्ट में याचिका लगा पुलिस को शिकायत भी की गई। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर यूटी पुलिस एसआइटी ने भी मामले की जांच की।
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