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पंजाब विधानसभा में पारित कृषि विधेयकों को देशभर में रखेगी कांग्रेस, अन्‍य राज्‍यों में कराएगी पास

कांग्रेस पंजाब विधानसभा में पारित किए गए चार कृषि विधेयकों को पूरे देशभर में पेश करेगी। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि इन‍ विधेयकों को पार्टी शासित राज्‍यों में भी पारित कराया जाएगा। अन्‍य राज्‍यों में भी इसे लाने पर जोर दिया जाएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 07:57 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 07:57 AM (IST)
पंजाब विधानसभा में पारित कृषि विधेयकों को देशभर में रखेगी कांग्रेस, अन्‍य राज्‍यों में कराएगी पास
पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और पंजाब विधानसभा में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह।

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ लाए गए विधेयकों को कांग्रेस ने राष्ट्रीय पटल पर ले जाने की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा किइसके तहत कांग्रेस शासित राज्यों में इन विधेयकों को पारित किया जाएगा। इसके साथ ही जहां अन्‍य दलों की सरकारें हैं, वहां इन विधेयको को पारित करवाने के लिए भी कांग्रेस दबाव बनाएगी। आंदोलन का अगला पड़ाव अब दिल्ली होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में संघर्ष करके जितना दबाव बना सकते थे, वह हमने बना लिया है लेकिन असल इंजेक्शन तो वहीं लगाना पड़ेगा जहां पर इसका असर होना है।

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हरीश रावत बोले- कांग्रेस शासित राज्यों में पास करने के साथ  दूसरे राज्यों में सरकारों पर बनाया जाएगा दबाव

उन्होंने कहा कि अभी तक केवल पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में ही न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल रहा था जबकि अन्य राज्यों में भी धान पर एमएसपी होने के बावजूद यह किसानों को नहीं मिल रहा था। अब राज्य सरकारों पर भी किसानों को एमएसपी दिलाने का दबाव रहेगा।

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान का स्वागत किया

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा पंजाब के खेती बिलों की समीक्षा करने की बात पर खुशी व्यक्त करते हुए हरीश रावत ने कहा कि यह अच्छा संकेत है। अगर कोई राज्य सरकार अपने हितों की रक्षा के लिए कानूनों में संशोधन करती है तो उसका स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते अन्यथा लोगों के विरोध के चलते दो कदम पीछे हटने में भी उन्हें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा कि पीएम की नजर में केंद्रीय कानून अच्छे हो सकते हैं लेकिन जन राय की भी अहमियत होनी चाहिए। पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी लगाकर राज्यों से अपना टैक्स लगाने का अधिकार छीन लिया। अब खेती भी बर्बाद कर रहे हैं जबकि यह राज्यों का विषय है।


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