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मंत्री सरारी को लेकर सरकार को बैकफुट पर लाने के बाद कांग्रेस खुद घिरी, स्कालरशिप घोटाले से बढ़ी मुश्किल

Punjab Assembly पंजाब विधानसभा में वीरवार को कांग्रेस ने भगवंत मान सरकार को मंत्री फौजा सिंह सरारी के मामले में बैकफुट पर ला दिया। लेकिन इसके बाद वह खुद घिर गई। कांग्रेस अपने शासनकाल में सामने आए एससी स्‍कालरशिप घोटाले को लेकर फंस गई।

By JagranEdited By: Sunil kumar jhaPublished: Thu, 29 Sep 2022 10:28 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 10:28 PM (IST)
मंत्री सरारी को लेकर सरकार को बैकफुट पर लाने के बाद कांग्रेस खुद घिरी, स्कालरशिप घोटाले से बढ़ी मुश्किल
पंजाब विधानसभा परिसर में आप सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते कांग्रेस के विधायक। (जागरण)

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। Punjab Assembly: पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी की सरकार को कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी के मुद्दे पर घेर कर कांग्रेस खुद एससी स्कालरशिप मुद्दे पर घिर गई। ऐसा तब हुआ जब कांग्रेस की कमान पूरी विधानसभा में सबसे अनुभवी नेता प्रताप सिंह बाजवा के हाथों में है।

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भगवंत मान सरकार व आप विधायकों ने कांग्रेस पर एससी विरोधी बताया

शून्यकाल के शुरू में ही बाजवा के नेतृत्‍व में कांग्रेस के विधायकों ने मंत्री फौजा सिंह सरारी को कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग रखते हुए वेल में मोर्चा संभाल लिया। कांग्रेस के नारेबाजी के बीच में सरकार ने एससी विद्यार्थियों को वजीफा नहीं मिलने के कारण शिक्षण संस्थाओं द्वारा सर्टिफिकेट नहीं देने का प्रस्ताव लाया गया। इस पर हुई बहस में कांग्रेस ने हिस्सा हीं लिया। इसके बाद सरकार ने अपनी पूरी ताकत कांग्रेस को एससी विरोधी साबित करने पर झोंक दी।

बाजवा ने मंत्री सरारी के मामले में मुख्‍यमंत्री से बयान देने की मांग की

बाजवा ने जब भ्रष्टाचार मामले में सरारी को कैबिनेट से बर्खास्त करने और मुख्यमंत्री को बयान देने की मांग की उस समय ट्रेजरी बैंच में सन्नाटा छा गया। सरकार मुख्यमंत्री के उपस्थित नहीं होने का हवाला देती रही लेकिन कांग्रेस सरारी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर वेल में डट गई।

कांग्रेेस के शोर - शराबे के बीच आप विधायक माणूके ने स्‍कालरशिप घोटाले का मामला   

कांग्रेस के शोर-शराबे के बीच आप विधायक सरवजीत कौर माणूके ने शिक्षण संस्थाओं द्वारा स्कालरशिप जारी नहीं होने पर एससी विद्यार्थियों के सर्टिफिकेट नहीं देने का प्रस्ताव पेश किया। जिस पर स्पीकर बार-बार कांग्रेस को बहस में हिस्सा लेने की अपील करते रहे। कांग्रेस विधायकों को अनुमान था कि स्पीकर उन्हें नेम कर सदन से बाहर कर देंगे या सदन को स्थगित करेंगे लेकिन स्पीकर ने ऐसा कुछ नहीं किया।

कांग्रेस सरकार के तत्‍कालीन मंत्री साधू सिंह ने किया 64 करोड़ का घपला, चल रही है जांच: चीमा

इसके बाद आप ने कांग्रेस विधायकों पर हमला बोलना शुरू कर दिया। वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने पूर्व मंत्री साधू सिंह धर्मसोत द्वारा किए गए 64 करोड़ रुपये के घपले का मामला उठा दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि इनके मंत्री ने एससी विद्यार्थियों के स्कालरशिप में घोटाला किया, आज यह एससी विद्यार्थियों की शिक्षा पर हो रही बहस में हिस्सा नहीं ले रहे है।

विभाग की मंत्री डा. बलजीत कौर की अनुपस्थिति में कमान संभाल रहे चीमा ने कहा कि आप सरकार ने बच्चों के वजीफे के लिए 184 करोड़ रुपये जारी किए। वहीं, 2017 से लेकर 2020 तक की आडिट रिपोर्ट मांगी है। घोटाले को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी जांच भी शुरू हो गई है।

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चीमा ही नहीं, कैबिनेट मंत्री कुलदीप धालीवाल, अमन अरोड़ा, लाल चंद कटारूचक समेत माणूके ने एससी मुद्दों को लेकर आक्रामक हमले करने शुरू कर दिए। आप के मंत्री व विधायक कांग्रेस को दलित विरोधी पार्टी बताती रही है और कांग्रेस के विधायक वेल में नारेबाजी करते रहे।

आप के एक मंत्री ने सदन के खत्म होने के बात कहा, निश्चित रूप से सरारी के मुद्दे पर सरकार घिरी हुई थी लेकिन कांग्रेस अपने ही फ्लोर मैनेजमेंट में फंस कर रह गई। प्रस्ताव एससी बच्चों को लेकर आया था अगर कांग्रेस वाक आउट करके बहस में हिस्सा लेती तो शायद स्थिति दूसरी होती।

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वहीं, स्पीकर लगातार इस तरीके के संकेत दे रहे थे कि वह कांग्रेस के विधायकों को नेम करके सदन से बाहर कर सकते हैं। बाकायदा सदन में मार्शलों में हलचल भी होती। स्पीकर द्वारा नेम न करने के बाद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और चौधरी बिक्रम सिंह ने फ्लोर क्रास करके सुरक्षाकर्मियों की चेन भी तोड़ने की कोशिश की।

सदन में बाकायदा कैबिनेट मंत्री इंदरबीर निज्जर ने दोनों ही विधायकों को बर्खास्त करने का प्रस्ताव पेश कर दिया लेकिन स्पीकर ने इसे होल्ड कर लिया। सूत्र बताते हैं कि यह सबकुछ आप सरकार के फ्लोर मैनेजमेंट का एक हिस्सा था।


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