कांग्रेस को जीत से ज्यादा भाजपा की गुटबाजी में रूचि
18 जनवरी को होने वाले मेयर उम्मीदवार के चुनाव के लिए भाजपा में जहां सरगर्मी है, लेकिन कांग्रेस में माहौल पूरी तरह से फीका है।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : 18 जनवरी को होने वाले मेयर उम्मीदवार के चुनाव के लिए भाजपा में जहां सरगर्मी है, लेकिन कांग्रेस में माहौल पूरी तरह से फीका है। इसका कारण यह भी है कि कांग्रेस के पास सिर्फ 4 ही पार्षद हैं। कांग्रेस को भी पता है कि वह अपने दम पर मेयर की कुर्सी हासिल नहीं कर सकती। कांग्रेस अपने उम्मीदवार की घोषणा भी भाजपा के बाद करेगी। भाजपा ने दिल्ली में कोर ग्रुप की बैठक बुला ली है। बैठक 13 जनवरी को होगी। 11 और 12 को भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक है। कांग्रेस का ध्यान जीतने के बजाय लोकसभा चुनाव में लाभ लेने का
कांग्रेस पार्टी को उम्मीदवार तय होने के बाद भाजपा में हंगामा होने की आशंका है। इसलिए कांग्रेस भाजपा के दावेदारों को अभी से बगावत करने की हवा भी दे रही है। कांग्रेस के किसी भी पार्षद में उम्मीदवार बनने का भी कोई उत्साह नहीं है। कांग्रेस को संभावना है कि भाजपा के 4 में से किसी एक उम्मीदवार का नाम फाइनल होने पर बाकी के तीन उम्मीदवार बगावत करेंगे। कोई एक उम्मीदवार निर्दलीय तौर पर मैदान में आ जाएगा। ऐसी सूरत में निर्दलीय उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी से संपर्क करेगा। ऐसी स्थिति में कांग्रेस अपना उम्मीदवार मैदान में न उतारकर निर्दलीय उम्मीदवार को चुनाव में समर्थन कर सकती है, क्योंकि कांग्रेस का लक्ष्य चुनाव जीतना नहीं, बल्कि शहरवासियों को भाजपा की गुटबाजी को ज्यादा से ज्यादा दिखाना है, ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जीत दर्ज कर सके। पिछले साल भी आशा के समर्थक थे कांग्रेस के संपर्क में
पिछले साल भाजपा ने जब देवेश मोदगिल का नाम मेयर पद के लिए फाइनल किया, तो टंडन गुट के 12 पार्षदों ने खुलकर बगावत कर दी थी। पार्षद आशा जसवाल ने निर्दलीय तौर पर मोदगिल के खिलाफ नामांकन भर दिया था। कांग्रेस की ओर से देवेंद्र ¨सह बबला ने मेयर पद के लिए नामांकन भर दिया था। उस समय आशा जसवाल के समर्थक पार्षद कांग्रेस के संपर्क में थे कि वे बबला का नामांकन वापस करके आशा जसवाल को समर्थन कर दें। अभी बातचीत ही चल रही थी कि आशा जसवाल को पार्टी हाईकमान ने मना लिया और उन्होंने नामांकन वापस ले लिया। डिप्टी मेयर के लिए कोई उम्मीदवार नहीं
कांग्रेस के पार्षदों में भी चुनाव लड़ने का कोई क्रेज नहीं है। कांग्रेस के पास डिप्टी मेयर पद का चुनाव लड़ाने के लिए कोई उम्मीदवार नहीं है। क्योंकि कांग्रेस में शीला फूल ¨सह के अलावा गुरबख्श रावत, देवेंद्र ¨सह बबला और र¨वदर कौर गुजराल पार्षद हैं। बबला और रावत दोनों पहले मेयर पद के लिए नामांकन भर चुके हैं, ऐसे में वे निचले पद पर नामांकन भरने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस में शीला फूल ¨सह ही इस माह होने वाले मेयर पद के लिए उम्मीदवार हैं। सभी पहलूओं पर करेंगे चर्चा : छाबड़ा
कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि भाजपा के सीनियर नेताओं के साथ पार्षदों की गुटबाजी किसी से भी छिपी नहीं हुई है। कांग्रेस पार्टी अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी, लेकिन इसके लिए बैठक की जाएगी। सभी पहलूओं पर चर्चा करके निर्णय लिया जाएगा।