Punjab Congress: लापरवाह नेताओं पर Highcommand सख्त, Sonia ने मांगे पार्टी कार्यक्रमों में हिस्सा न लेने वालों के नाम
Punjab Congress सोनिया गांधी ने पंजाब में हुए कांग्रेस के विरोध प्रदर्शनों की रिपोर्ट तलब कर दी है। उन्होंने ऐसे वरिष्ठ नेताओं के नाम मांगे हैं जिन्होंने इनमें हिस्सा नहीं लिया।
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। Punjab Congress: केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ कांग्रेस द्वारा पांच से 25 नवंबर तक देशभर में दिए जा रहे धरने को लेकर पार्टी सख्त हो गई है। पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा शनिवार को दिल्ली में ली गई बैठक में यह बात सामने आई कि कई नेता संगठन या सरकार में पद तो हासिल कर लेते हैं, लेकिन बाद में पार्टी के कार्यों में हिस्सा नहीं लेते। सोनिया ने सभी प्रदेश अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे नेताओं की सूची बनाकर उन्हें भेजें। उनके सख्त रुख से पार्टी के अंदर खलबली पैदा हो गई है। इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि धरने से गायब रहे विधायकों की परेशानी बढ़ सकती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने 15 नवंबर को दिए गए धरने को लेकर जिला प्रधानों से रिपोर्ट मांगने की तैयारी कर ली है। जिला प्रधानों को अपनी रिपोर्ट में ये भी बताना पड़ेगा कि धरने में कितने नेता, कौन सा विधायक व वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। धरने की फोटो भी भेजनी होगी। प्रदेश कांग्रेस को यह रिपोर्ट ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को भेजनी है।
देश के ज्यादातर राज्यों में चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के हाथों लगातार मिल रही हार को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने संगठन पर जोर देना शुरू किया है। यही कारण है कि केंद्र सरकार के खिलाफ देशभर में दिए जा रहे धरने की गंभीरता से निगरानी की जा रही है। ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि धरनों की रिपोर्ट के साथ प्रमाणिकता साबित करने के लिए फोटो भी मांगी जा रही है। कांग्रेस पार्टी ने 30 नवंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर के धरने की घोषणा कर दी है।
धरने से गायब थे 40 विधायक
पार्टी हाईकमान ने प्रदेश कांग्रेस को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि धरने में अगर कोई विधायक या सांसद शामिल नहीं होता है तो उससे जवाब तलब किया जाए। पंजाब में कांग्रेस द्वारा जिला स्तर पर दिए गए धरने में आधे विधायक गायब थे। प्रदेश में कांग्रेस के 80 विधायक हैं, जबकि धरनों में 40 के करीब ही पहुंचे। जाखड़ पहले ही कह चुके हैं कि जो विधायक गायब रहे उन्हें जवाब देना होगा कि आखिर वे धरने में शामिल क्यों नहीं हुए।
जिला प्रधानों से मांगी रिपोर्ट
विधायकों से सीधा जवाब मांगने से पहले कांग्रेस जिला प्रधानों से रिपोर्ट मंगवा रही है। इसके आधार पर ही विधायकों से जवाब मांगा जाएगा। ऐसे विधायकों, सांसदों व संगठन में उच्च पदों पर बैठे नेताओं की रिपोर्ट तैयार करके पार्टी हाईकमान को भेजी जाएगी। उच्च स्तरीय सूत्र बताते हैं कि पार्टी आगे से ऐसे नेताओं को संगठन में जिम्मेदारी, टिकट देने आदि के समय इस बात का ध्यान रखेगी।
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