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कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए बनाईं कमेटियां, पर तीन के प्रमुख एक-दूसरे के विरोधी

कांग्रेस ने पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए कमेटियों का गठन कर दिया है। लेकिन कमेटियों के प्रमुखों की आपस में बहुत अच्छी केमिस्ट्री नहीं है। सुनील जाखड़ व अंबिका सोनी में तो छत्तीस का आंकड़ा हो चुका है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 02:02 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 02:02 PM (IST)
कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए बनाईं कमेटियां, पर तीन के प्रमुख एक-दूसरे के विरोधी
सुनील जाखड़, अंबिका सोनी व प्रताप सिंह बाजवा की फाइल फोटो।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए को-आर्डीनेशन, प्रचार, मैनिफेस्टो और स्क्रीनिंग कमेटियों का गठन कर दिया है। को-आर्डीनेशन कमेटी की कमान अंबिका सोनी, चुनाव प्रचार कमेटी की कमान सुनील जाखड़, मैनीफेस्टो कमेटी की कमान प्रताप सिंह बाजवा और स्क्रीनिंग कमेटी की कमान अजय माकन को सौंपी गई है। अहम बात यह है कि गठित कमेटियों में से चार नेताओं की आपस में नहीं बनती है।

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सुनील जाखड़ को मनाने के लिए कांग्रेस ने उन्हें चुनाव प्रचार कमेटी का चेयरमैन लगाया है और वह स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य भी होंगे। राज्य में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के तख्तापलट के बाद से जाखड़ नाराज चल रहे हैैं। उन्होंने राहुल गांधी की ओर से उन्हें उप मुख्यमंत्री बनने के प्रस्ताव को भी नकार दिया था। अब वह चुनाव प्रचार कमेटी की जिम्मेदारी को निभाएंगे, इसे लेकर आशंका जताई जा रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि को-आर्डीनेशन कमेटी की जिम्मेदारी अंबिका सोनी को दी गई है और उनसे (अंबिका) जाखड़ नाराज हैं, क्योंकि अंबिका सोनी ने हाईकमान पर दबाव बनाया था कि पगड़ीधारी ही पंजाब में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार हो सकता है। इस कारण जाखड़ मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। अब क्या वह अंबिका के साथ तालमेल बैठा पाएंगे, इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

वहीं, जाखड़ के मैनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन प्रताप सिंह बाजवा के साथ भी संबंध अच्छे नहीं हैैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के दोनों ही नेताओं (जाखड़ और बाजवा) के साथ संबंध ठीक नहीं है। सिद्धू ने भले ही बाजवा को लेकर अभी तक कोई खास कमेंट्स नहीं किया हो, लेकिन जाखड़ को लेकर वह ट्वीट पर सक्रिय रहे हैं।

वहीं, कमेटी की लिस्ट आने के बाद राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने अपने गृह नगर कादियां से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक दी है, जबकि कादियां से उनके भाई फतेहजंग सिंह बाजवा विधायक हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले दिनों ही फतेहजंग बाजवा के हक में कादियां में रैली की थी, लेकिन प्रताप सिंह बाजवा ने खुद चुनाव लड़ने की बात कहकर सिद्धू को चुनौती दे दी है।

स्क्रीनिंग कमेटी 

अजय माकन को चेयरमैन बनाया गया है। कैप्टन के खिलाफ हुई बगावत के समय कांग्रेस ने माकन को पर्वेक्षक बनाकर पंजाब भेजा था। उनके अलावा राहुल गांधी के करीबी, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी डा. चंदन यादव, कांग्रेस के संयुक्त सचिव कृष्णा अल्लावारू (2017 में भी पंजाब में सक्रिय थीं), कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ और पंजाब कांग्रेस के सभी सचिव इस कमेटी के सदस्य होंगे।

चुनाव प्रचार कमेटी

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ इस कमेटी के चेयरमैन होंगे।

चुनाव को-आर्डीनेशन कमेटी

अंबिका सोनी इस कमेटी की चेयरपर्सन होंगी।

मैनिफेस्टो कमेटी

राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा कमेटी के चेयरमैन होंगे।


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