विधायक जीरा पर अभी रहम नहीं करना चाहती कांग्रेस, अनुशासनहीनता की चिंता
पंजाब कांग्रेस विधायक कुलबीर जीरा पर फिलहाल रहम करने मूड में नजर नहीं आ रही है। जीरा के माफी मांगने के बावजूद कांग्रेस उनका निलंबन समाप्त नहीं कर रही है।
चंडीगढ़, जेएनएन। नशे को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ बोलने पर निलंबित किए गए फिरोजपुर के विधायक कुलबीर जीरा को कांग्रेस अभी रहम देने की मूड में नहीं दिखाई दे रही है। कांग्रेस मान रही है कि अगर जीरा को जल्द ही बहाल कर दिया गया तो आने वाले लोक सभा चुनाव में पार्टी में अनुशासनहीनता बढ़ सकती है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा चार दिनों तक प्री-बजट बैठक में जिस प्रकार से विधायकों ने आक्रामक तेवर दिखाए हैं, उससे भी पार्टी थोड़ी चिंतित है। कई विधायकों ने मुख्यमंत्री कैप्टन के सामने ही सरकार पर आक्रामक हमले किए। चूंकि यह सार्वजनिक मंच नहीं था, इसलिए सरकार व पार्टी को चिंता नहीं थी। लेकिन, पिछले कुछ समय से जिस प्रकार से सरकार के खिलाफ बयानबाजी हो रही है, उसे देखते हुए पार्टी जीरा को फिलहाल बहाल नहीं करना चाहती है।
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कांग्रेस की चिंता इस बात को लेकर भी है कि अभी बोर्ड-कारपोरेशन के चेयरमैन नियुक्त होने हैं। यही वजह है कि राहुल गांधी की स्वीकृति मिलने और मुख्यमंत्री कैप्टन की हरी झंडी के बावजूद बोर्ड-कारपोरेशन में चेयरमैनों की नियुक्ति को सरकार ने रोक रखा है। बैठकों के दौरान भी सरकार को इस बात के स्पष्ट संकेत मिल गए थे कि चेयरमैनों की नियुक्ति के साथ ही चाहवानों की एक फौज सरकार के विरोध में खड़ी हो जाएगी, जिसका लोक सभा चुनाव में नुकसान हो सकता है।
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पार्टी में अनुशासन बना रहे इसलिए भी कुलबीर जीरा की तरफ से मुख्यमंत्री कैप्टन और पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ से माफी मांगने के बावजूद जीरा का निलंबन वापस नहीं लिया जा रहा है। अहम पहलू यह है कि सख्त कदम को दिखाने के लिए ही जीरा को शनिवार को पंजाब भवन में मुख्यमंत्री की तरफ से ली गई बैठक में हिस्सा नहीं लेने दिया गया, जबकि शुक्रवार को यह तय हुआ था कि जीरा बैठक में हिस्सा ले सकते हैं।
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राहुल दरबार में पहुंचा मामला
जानकारी के अनुसार जीरा को निलंबित किए जाने का मामला राहुल गांधी के पास भी पहुंच गया है। लेकिन अनुशासनहीनता का मामला होने के कारण राहुल गांधी ने भी मामले को प्रदेश कांग्रेस पर छोड़ दिया है।