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चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर दप्पर टोल प्लाजा किसानों से खाली करवाने के लिए हाई कोर्ट पहुंची कंपनी, केंद्र व पंजाब को नोटिस

दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर लालड़ू के पास दप्पर टोल प्लाजा को संचालित करने वाली कंपनी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गई है। कंपनी ने टोल प्लाजा को किसानों से खाली करवाने तथा सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 02:01 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 02:01 PM (IST)
चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर दप्पर टोल प्लाजा किसानों से खाली करवाने के लिए हाई कोर्ट पहुंची कंपनी, केंद्र व पंजाब को नोटिस
कंपनी ने की टोल प्लाजा किसानों से खाली कराने की मांग। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। किसान आंदोलन के बदलते समीकरण के मद्देनजर जीएमआर अंबाला-चंडीगढ़ एक्‍सप्रेस वे कंपनी ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दप्पर (लालडू ) टोल प्लाजा आंदोलनकारियों से खाली करवा कर टोल एकत्र करने व सुरक्षा देने की मांग की है। हाई कोर्ट ने कंपनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र व पंजाब सरकार को 24 फरवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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किसानों के विरोध के कारण वित्तीय नुकसान का दावा करते हुए टोल प्लाजा प्रबंधन ने पंजाब क्षेत्र में दप्पर टोल प्लाजा पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और नुकसान की भरपाई करने के निर्देश देने की मांग की है। कंपनी ने दावा किया कि 9 अक्टूबर से दप्पर टोल प्लाजा पर अपेक्षित टोल फीस जमा न करने पर लगभग करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।

हाई कोर्ट को बताया गया कि कंपनी को अंबाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग फोर लेन का निर्माण, संचालन और रखरखाव करने का विशेष अधिकार, लाइसेंस और अधिकार प्रदान किया गया है। विशेष लेवी के अधिकार के साथ 20 साल की अवधि के लिए 10 दिसंंबर 2008 से टोल एकत्र करने का अधिकार है।

कंपनी की तरफ बेंच को बताया कि 9 अक्टूबर से पंजाब में किसानों के आंदोलन की शुरुआत के बाद, दप्परटोल प्लाजा में टोल का काम और संग्रह बाधित हो गया और अपेक्षित टोल एकत्र नहीं किया जा सका। कंपनी ने कहा कि टोल एकत्र न करने से राजमार्ग के रखरखाव में व्यवधान आया है और याचिकाकर्ता कंपनी पर प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव पड़ रहा है।

हाई कोर्ट को यह भी बताया गया कि याचिकाकर्ता कंपनी ने पंजाब के मुख्य सचिव, डीजीपी, मोहाली के डिप्टी कमिश्नर के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों से टोल प्लाजा के कामकाज को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था। याचिकाकर्ता कंपनी ने नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया को एक पत्र भेजा था, उनसे याचिकाकर्ता कंपनी की संपत्ति और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया, ताकि टोल परिचालन को नुकसान न हो। हालांकि, सभी अनुरोधों के बावजूद कुछ नहीं हुआ। किसानों ने टोल प्लाजा पर धरना शुरू कर दिया और टोल पूरी तरह बंद हो गया। नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया को इस बात की जानकारी भी दी गई।

याचिकाकर्ता कंपनी ने हाई कोर्ट से टोल शुल्क का संग्रह सुनिश्चित करने व दप्पर टोल प्लाजा पर कानून-व्यवस्था का रखरखाव और याचिकाकर्ता कंपनी के कर्मचारियों की पूरी सुरक्षा देने की मांग की है। याचिकाकर्ता कंपनी द्वारा किसानों के आंदोलन के कारण दप्पर टोला प्लाजा में टोल शुल्क जमा नहीं कर पाने और कानून व्यवस्था बिगड़ने के कारण कंपनी को होने वाले नुकसान के बारे में भी निर्देश देने की मांग की गई। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार व जस्टिस अर्चना पुरी की बेंच ने पंजाब सरकार व केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है।


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