नीलामी में बोली के बाद पैसा न जमा करवाने वाली कंपनियां होंगी ब्लैकलिस्ट
पंजाब में रेत खनन की नीलामी में बोली लगाने के बाद भी रकम जमा न कराने वाली कंपनियोंं को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी है। पंजाब सरकार के इस निर्णय से खलबली मच गई है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब सरकार ने रेत खनन की सफल बोली देने के बावजूद सिक्योरिटी मनी और 25 फीसद एडवांस न जमा करवाने वाली कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने का फैसला कर लिया है। लोगों में किसी भी प्रकार का भ्रम न पैदा हो इसके लिए इस बात की तैयारी चल रही है कि जल्द ही खाली रह गए खड्डों को लेकर पुन: टेंडर नोटिस जारी किया जाएगा। सरकार के लिए राहत वाली बात यह है कि करीब 46 खड्डों की नीलामी से 400 करोड़ रुपये प्राप्त हो गए हैं।
रेत खनन नीलामी : बोली देने के बाद भी 43 खड्डों पर नहीं जमा हुए पैसे
जानकारी के अनुसार, करीब 43 माइनिंग साइट्स पर बोलीदाताओं ने पैसा इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के पास नहीं जमा करवाए हैं। इस कारण उनकी आरक्षित धनराशि जब्त हो जाएगी। रोचक बात यह भी है कि विभाग के पास 14 कंपनियों ने इस बात को लेकर शिकायत की है कि जल्दबाजी में उनके द्वारा एक अतिरिक्त शून्य लगा दिया गया जिसकी वजह से बोली कई करोड़ में चली गई। हालांकि विभाग ने अभी सफल बोलीदाताओं व कंपनियों के नाम को उजागर नहीं किया है।
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उच्चस्तरीय सूत्रों ने बताया कि 400 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो गया है जबकि अभी 56 खड्डें बाकी हैं। बोली देने के लिए आरक्षित धनराशि से भी सरकार को करीब 140 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसमें से 50 करोड़ के करीब वह धनराशि है जो बोलीदाता सफल नहीं हो पाए। सरकार यह मान रही है कि जब सभी 102 खड्डों की नीलामी हो जाएगी तो सरकार का राजस्व 1000 करोड़ से ऊपर चला जाएगा। पिछली अकाली-भाजपा सरकार में खड्डों की नीलामी से 45 करोड़ रुपये का राजस्व आया था।
शून्य का खेल
माइनिंग विभाग को जिन 14 कंपनियों ने अनुरोध किया है कि जल्दबाजी में उनके द्वारा एक अतिरिक्त शून्य लगा दिया गया। दरअसल, उनकी चिंता यह है कि कहीं सरकार उन्हें इस मामले की वजह से ब्लैकलिस्ट न कर दे।
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यह है प्रक्रिया
ऑनलाइन बोली में अंतिम बोली देने के बाद पांच मिनट का समय दिया जाता है। अगर इस पांच मिनट में कोई दूसरा बोली दे देता है तो फिर पांच मिनट का समय लगता है। अगर इसके बाद कोई बोली नहीं देता तो अंतिम बोलीदाता को सफल माना जाता है लेकिन अगर फिर कोई बोली दे देता है तो यह क्रम चलता रहता है। इस प्रक्रिया को भी जल्दबाजी में अतिरिक्त शून्य लगाने की वजह बताया जा रहा है।