कामनवेल्थ गेम्स :शहर की हाकी खिलाड़ी मोनिका ने निभाई अहम भूमिका
भारतीय महिला हाकी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 16 साल बाद कामनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भारतीय महिला हाकी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 16 साल बाद कामनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता है। कांस्य पदक के लिए खेले गए मुकाबले में भारत ने न्यूजीलैंड को पैनल्टी शूटआउट 2-1 से हराया। इस विजेता टीम में शहर की खिलाड़ी मोनिका मलिक भी शामिल थी। कांस्य पदक जीतने पर मोनिका के परिवार में खुशी का माहौल है। मोनिका के पिता तकदीर सिंह चंडीगढ़ पुलिस में हैं। शानदार रहा है मोनिका मलिक का सफर
मोनिका ने वर्ष 2005 में गवर्नमेंट स्कूल-44 से हाकी खेलना शुरू किया था। वर्ष 2007 में यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की डे-बोर्डिग स्कीम के तहत मोनिका ने सेक्टर-18 की हाकी एकेडमी ज्वाइन की थी। वर्ष-2009 में चंडीगढ़ गर्ल्स टीम ने स्कूल नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। इस टीम में मोनिका मलिक ने भी अहम भूमिका निभाई। वर्ष-2011 में मोनिका की मौजूदगी में चंडीगढ़ टीम ने जूनियर नेशनल में ब्रांज मेडल जीता था। 2012 में भी चंडीगढ़ टीम ने जूनियर नेशनल में सिल्वर मेडल जीता था। अपने शानदार प्रदर्शन के चलते मोनिका ने इंडिया की जूनियर टीम में जगह बनाई और 2014 में जर्मनी में आयोजित जूनियर वर्ल्ड कप में ब्रांज मेडल जीता था। इसी साल इंडिया की जूनियर टीम ने एशियन गेम्स में भी ब्रांज मेडल हासिल किया था। मोनिका ने इसके बाद हरियाणा की तरफ से खेलना शुरू किया, जिसका असर हरियाणा महिला टीम पर देखने को मिला, टीम ने 2014 में सीनियर नेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद मोनिका टीम इंडिया के साथ खेलते हुए भी कई मैचों में खुद को साबित कर चुकी हैं। मोनिका टोक्यो ओलिपिक में भी भारतीय टीम का हिस्सा थी। टीम पदक जीतने में सफल नहीं हो सकी, लेकिन टीम के प्रदर्शन की सबने खूब प्रशंसा की थी।