आम लोगों की बातें हैं मेरी कला में
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सिर्फ तीन सेकेंड। इतना ही समय मिलेगा, जहां आपको एक आर्ट वर्क को
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सिर्फ तीन सेकेंड। इतना ही समय मिलेगा, जहां आपको एक आर्ट वर्क को देखकर पहचानना है। अगर ये आपको समझ में आता है तो कलाकार का कार्य सफल हुआ। कुछ ऐसा ही विषय था सूरज में आयोजित आर्ट सिंपोसियम में। जहां, शहर के कलाकार रमनदीप सिंह ने भी फैक्ट्री वेस्ट से स्कल्प्चर तैयार किया। शहर लौटे तो बोले कि मेरी कला आम इंसान से जुड़ी है, जिसमें कई परते हैं, मगर ऐसी बनाना चाहता हूं कि वो हर किसी को समझ आए। रमनदीप के आर्ट वर्क शहर की विभिन्न बिल्िडग और पार्क में भी स्थापित किए गए हैं। पहाड़ों के पीछे का जीवन लेकर आया कला के क्षेत्र में..
रमनदीप ने कहा कि वह पंजाब के मानसा डिस्ट्रिक्ट से हैं। बचपन में कोयले से दीवार पर अकसर पहाड़ों को बनाते थे। इस दौरान, काफी उत्सुकता होती थी कि पहाड़ों के पीछे का जीवन कैसा होता है। वहां लोग कैसे रहते हैं, यही खोज में कला में गहन रूप से उतारती रही। मेरे लिए यही उत्सुकता मुझे कला की दुनिया में ले आई। वर्ष 2013 में मैंने गवर्नमेट आर्ट कॉलेज-10 से स्कल्प्चर में मास्टर्स की। इसके बाद एक सरकारी स्कूल में टीचिंग की भी जॉब मिली। लोकल आर्टिस्ट को सपोर्ट करना चाहिए अकादमी को
रमनदीप ने कहा कि एक कलाकार को स्वतंत्र रूप से कार्य करने में ही नई दिशाएं मिलती है। इन दिनों विभिन्न कला से जुड़ी अकादमी कार्य तो करती हैं, मगर वह अपने ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करती है। ऐसे में ज्यादातर लोकल आर्टिस्ट अपने कार्य को लोगों के सामने रख नहीं पाते। मेरे अनुसार, शहर के कलाकारों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। अकादमी कितने ही एक्सचेंज प्रोग्राम करवाती है, इन प्रोग्राम में युवाओं को ही विभिन्न राज्यों में भेजा जाना चाहिए। जैसे मुझे सूरत में काफी कुछ सीखने को मिला। मगर इस तरह के प्रोत्साहन भरे कार्य शहर में कम है। पंजाब का पहला आर्ट स्टूडियो तैयार किया
रमनदीप सिंह ने कॉलेज से पासआउट होने के बाद आर्टिस्ट हरपाल सिंह और मनदीप सिंह के साथ मिलकर पहला आर्ट स्टूडियो तैयार किया। जिसे स्कड स्टूडियो नाम दिया गया। रमनदीप ने कहा कि आज भी स्टूडियो में विभिन्न राज्यों के युवा कलाकारों को मौका दिया जाता है अपना काम दर्शाने का।