बोर्ड ऑफ गवर्नेस लागू करने के लिए बनेगी कमेटी, सीनेट और सिंडिकेट होंगे खत्म
यूनिवíसटी ग्राट कमीशन (यूजीसी) द्वारा देश की सभी यूनिवíसटी को पत्र लिख बोर्ड ऑफ गवर्नेंस लागू करने की रणनीति के बारे में जानकारी मांगी है। पत्र मिलने के बाद पंजाब यूनिवíसटी प्रशासन की इसे लागू करने के लिए खाका तैयार करने में जुट गया है।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़
यूनिवíसटी ग्राट कमीशन (यूजीसी) द्वारा देश की सभी यूनिवíसटी को पत्र लिख बोर्ड ऑफ गवर्नेंस लागू करने की रणनीति के बारे में जानकारी मांगी है। पत्र मिलने के बाद पंजाब यूनिवíसटी प्रशासन की इसे लागू करने के लिए खाका तैयार करने में जुट गया है। वहीं सूत्रों के अनुसार सोमवार को पीयू कुलपति ने कैंपस के अन्य आला अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें बोर्ड ऑफ गवर्नेंस को लागू करने के लिए आगामी रणनीति के बारे में चर्चा हुई। बैठक में निर्णय हुआ कि बोर्ड ऑफ गवर्नेंस को लागू करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। जो इसको लागू करने का पूरा रोडमैप तैयार करेगी।
लंबा है प्रोसेस, अभी लगेगा समय नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर पीयू के एक अधिकारी ने बताया कि यह तो साफ है कि कैंपस में बोर्ड ऑफ गवर्नेंस लागू होगा। लेकिन यह एक लंबा प्रोसेस है, जिसके लिए किसी भी तरह की जल्दबाजी करना ठीक नहीं होगा। वहीं उन्होंने बताया कि बोर्ड ऑफ गवर्नेंस को लागू करने के लिए पिछले दो महीनों से काफी तैयारिया कर ली गई हैं, लेकिन अभी इसकी रिपोर्ट नहीं दी जा सकती।
शिक्षाविदों की भी ली जाएगी मदद बोर्ड ऑफ गवर्नेंस लागू करने के लिए पीयू प्रशासन शिक्षाविदों की भी मदद ले सकता है। इसके लिए कई शिक्षाविदों से बातचीत का दौर भी चल रहा है। वहीं बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के लिए एक्सपर्ट को भी कमेटी में शामिल किया जाएगा। कमेटी में ऐसे सदस्य होंगे जिन्हें बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के बारे में जानकारी हो और लंबा शैक्षणिक अनुभव हो।
नहीं होगी सीनेट चुनाव की तारीख की घोषणा सीनेट चुनाव को लेकर पीयू द्वारा यूटी प्रशासन से परमिशन मागी गई थी लेकिन यूटी प्रशासन ने चुनाव के लिए मना किया था। उसके साथ ही पीयू प्रशासन ने भी साफ कर दिया है, कि सीनेट चुनाव की घोषणा अभी नहीं की जा सकती। जिसके बाद सीनेट चुनाव आयोजन के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।
चार दिन बाद सीनेट कार्यकाल खत्म वहीं सीनेट कार्यकाल खत्म होने में सिर्फ चार दिन (31 अक्टूबर) का समय रह गया है। हालाकि अभी सिंडिकेट का कार्यकाल 31 दिसंबर तक है। सूत्रों के अनुसार पीयू के संचालन के लिए एक कमेटी बनाई जा सकती है, या फिर कुलपति ही सभी अधिकारों का प्रयोग करेंगे।