इतिहास की किताब में जो गलती हुई, उसके लिए कमेटी जिम्मेदार
शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने दी सफाई, 650 अध्यापकों को नियुक्ति पत्र दिए जागरण संवाददाता, मो
जागरण संवाददाता, मोहाली : पंजाब को दो लाख करोड़ रुपये का कर्जदार कौन करके गया है? इसका जवाब शिरोमणि अकाली दल दे। पंजाब के शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने सोमवार को मोहाली में पत्रकारों के साथ बातचीत में पूर्व सरकार पर निशाना साधा। कहा कि अकाली दल की ओर से जो सरकार पर वित्तीय संकट होने के आरोप लगाए जा रहे हैं, वे गलत हैं। अकालियों ने 10 साल में पंजाब को इतना कर्जदार बना दिया कि इससे उभरने में समय लगेगा। जिसको लेकर सरकार काम कर रही है। इससे पहले शिक्षा मंत्री ने विभाग में शामिल हुए 650 अध्यापकों को नियुक्ति पत्र दिए। गुरु जितने अकालियों के, उतने सबके
एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि इतिहास की किताब में जो गलती हुई है, उसके लिए कमेटी के सदस्य ही जिम्मेदार हैं। अकाली दल की ओर से लोगों को गुमराह करने के लिए पुस्तक को लेकर धरने-प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसमें उनकी किसी तरह की कोई गलती नहीं है। गुरु जितने अकालियों के हैं, उतने ही सबके। इसलिए इस पर किसी तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए। जो गलती हुई है, उसे सुधारा जा रहा है। तीन हजार शिक्षक और भर्ती होंगे
वहीं, शिक्षा मंत्री ने कहा कि 15300 रुपये में काम करने के लिए तैयार होने वाले शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। तीन हजार शिक्षकों की और नियुक्ति करने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए लिस्ट तैयार करवा रहे हैं। आने वाले दिनों में भी नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। साझा मोर्चा अध्यापक यूनियन से तीन बार बात हो चुकी है। अध्यापक 10300 पर काम करने के लिए तैयार हो गए थे। लेकिन फिर धरने पर बैठ गए। अध्यापक या राजनीति करें या बच्चे पढ़ाएं
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ यूनियन के लोग अध्यापकों को गुमराह करने में लगे हैं। वे लोग अपनी राजनीति चमका रहे हैं। जबकि शिक्षकों को पहले ही कहा गया है कि या वे राजनीति कर लें या फिर बच्चों को पढ़ा लें। पंजाब में किसी भी शिक्षक को बेरोजगार नहीं रहने दिया जाएगा। इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। बोर्ड के चेयरमैन पर निकाल दिया गुस्सा
सोनी को पुस्तक में सिख इतिहास पर विवादित टिप्पणी को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब क्या देना पड़ा। इसका पूरा गुस्सा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन पर निकाल दिया। दरअसल इतिहास की बारहवीं की किताब में छपी विवादित टिप्पणी को लेकर इस पुस्तक के लिए बनी कमेटी के अध्यक्ष किरपाल सिंह ने शिक्षा मंत्री ओपी सोनी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पुस्तक जल्दी जारी करने को लेकर दबाब बनाया था। जल्दबाजी के कारण पुस्तक में गलत तथ्य प्रकाशित हुए। इसको लेकर लेकर सोमवार को पत्रकारों ने शिक्षा मंत्री ओपी सोनी से सवाल किए। तिलमिलाए सोनी ने आराम से जवाब दिया और चेयरमैन को पत्रकार वार्ता के दौरान भी बुलाते रहे, लेकिन जैसे ही शिक्षा मंत्री बाहर गाड़ी में बैठने लगे, तो उन्होंने अपना गुस्सा बोर्ड के चेयरमैन पर निकलते हुए उन्हें कहा कि आपकी लापरवाही के चलते मुझे बातें सुननी पड़ रही हैं। जबकि मुझे लगता है कि इसके पुस्तक के पीछे आपका हाथ भी है। ध्यान रहे कि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अकाली दल प्रदर्शन कर माहौल को गरमा चुका है, बल्कि शिक्षा मंत्री का इस्तीफे देने की भी माग तक कर चुका है।