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Chandigarh: 19 साल से कॉमर्स कॉलेज को नहीं मिली मान्यता, प्रशासन की लेटलतीफी का खामियाजा भुगत रहे स्टूडेंट्स

चंडीगढ़ में प्रशासन की लेटलतीफी का खामियाजा यहां के छात्र भुगत रहे हैं। शिक्षकों की कमी के कारण 19 साल में सेक्टर-50 का कामर्स कालेज और 10 वर्ष से सेक्टर-46 कालेज का साइंस ब्लाक शुरू नहीं हो पाया है।

By Jagran NewsEdited By: Gurpreet CheemaPublished: Thu, 25 May 2023 12:18 PM (IST)Updated: Thu, 25 May 2023 12:18 PM (IST)
Chandigarh: 19 साल से कॉमर्स कॉलेज को नहीं मिली मान्यता, प्रशासन की लेटलतीफी का खामियाजा भुगत रहे स्टूडेंट्स
चंडीगढ़ में 19 वर्ष बाद भी कामर्स कालेज सेक्टर-50 को नहीं मिली औपचारिक मान्यता।

चंडीगढ़, सुमेश ठाकुर। पंजाब सरकार की नीतियों और यूटी प्रशासन की लेट लतीफी का खामियाजा शहर के कालेज भवन और छात्र भुगत रहे हैं। करोड़ों रुपये की लागत से यूटी प्रशासन ने पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज सेक्टर-46 में साइंस ब्लॉक और सेक्टर-50 में गवर्नमेंट कामर्स एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कालेज का निर्माण किया लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण 19 साल में सेक्टर-50 का कामर्स कालेज और 10 वर्ष से सेक्टर-46 कालेज का साइंस ब्लाक शुरू नहीं हो पाया है।

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दोनों ही बिल्डिंग की औपचारिक शुरुआत न होने का कारण पंजाब यूनिवर्सिटी की तरफ से टीचर भर्ती के लिए पेटेंट को अंतिम मंजूरी नहीं देना और यूटी प्रशासन द्वारा भर्ती की प्रक्रिया को न शुरू करना है। कामर्स कालेज का निर्माण साल 2006 में 14 करोड़ की लागत से जबकि सेक्टर-46 के कालेज में साइंस ब्लाक का निर्माण आठ करोड़ से हुआ था।

कामर्स कालेज नहीं हो पाया शुरू

देशभर के कालेजों में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के नियमों का पालन होता है। यूजीसी नियमों के अनुसार, शिक्षकों की भर्ती और प्रमोशन तक होती है। पंजाब सरकार की मानें तो भर्ती और प्रमोशन प्रदेश के नियमों के अनुसार होनी चाहिए। शहर 11 डिग्री कालेज पंजाब यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त है और पंजाब यूनिवर्सिटी पर पंजाब सरकार हक रखती है। शिक्षकों की भर्ती न होने से न तो सेक्टर-50 स्थित कामर्स कालेज शुरू हो सका और न ही सेक्टर-46 के कालेज में बना हुआ साइंस ब्लॉक शुरू हो पाया है।

रिटायर हो चुके कई प्रोफेसर

साल 2013 के बाद कालेजों की नियमित भर्ती न होने के कारण विभिन्न कालेजों में कार्यरत प्रोफेसर रिटायर हो चुके हैं या फिर डेपुटेशन पर शहर आए प्रोफेसर पदोन्नति लेकर पैतृक राज्य जा चुके है। प्रोफेसर की सेवानिवृति और पदोन्नति के बाद खाली हुए पदों पर कोई शिक्षक नहीं है, जिसके कारण उच्चतर शिक्षा विभाग इस वर्ष विभिन्न संकाय में स्टूडेंट्स की संख्या में कटौती करने जा रहा है।

दस साल से नहीं हुई भर्ती

दस साल से शहर के कालेजों में भर्ती नहीं हुई है लेकिन 30 से ज्यादा शिक्षक प्रमोशन पाकर या फिर रिटायर होकर चुके है। शिक्षकों की कमी के कारण 15 जून से शुरू होने वाले कालेज दाखिले में विभिन्न सीटों में कटौती करने की प्लानिंग हो रही है।


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