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आओ मिलकर जल के कल की चिंता करें..क्योंकि हम है खपत में नंबर-1, बर्बादी में भी अव्वल

खपत में नंबर वन हैं लेकिन इसके साथ ही पानी की बर्बादी में भी हम अव्वल हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Mar 2020 07:28 PM (IST)Updated: Sat, 21 Mar 2020 07:28 PM (IST)
आओ मिलकर जल के कल की चिंता करें..क्योंकि हम है खपत में नंबर-1, बर्बादी में भी अव्वल
आओ मिलकर जल के कल की चिंता करें..क्योंकि हम है खपत में नंबर-1, बर्बादी में भी अव्वल

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : हम सिटी ब्यूटीफुल के निवासी पूरे देश में पानी की खपत में नंबर वन हैं लेकिन इसके साथ ही पानी की बर्बादी में भी हम अव्वल हैं। ऐसे में इस विश्व जल दिवस के मौके पर हम शहरवासियों को इस लगातार बर्बाद हो रहे पानी को रोकने के लिए चितन करना चाहिए। ग्रीन सिटी को बढ़ाने के लिए सिंचाई के कामों में टर्शरी वाटर का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन 30 प्रतिशत टर्शरी वाटर बनने के बावजूद हम सिर्फ दस प्रतिशत टर्शरी वाटर का ही प्रयोग कर पा रहे हैं। इस समय 30 प्रतिशत पानी पाइपों की लीकेज के कारण बर्बाद हो रहा है। इनमें नान रेवेन्यू वाटर की सप्लाई भी शामिल है। करोड़ों रुपये का बजट होने के बावजूद प्रशासन और नगर निगम इस लीकेज को रोक नहीं पा रहे हैं। ऐसे में प्रतिदिन दो लाख से ज्यादा लोगों की प्यास बुझाने वाला पानी प्रतिदिन बर्बाद हो रहा है। जबकि इस समय प्रतिदिन 109 एमजीडी पानी की सप्लाई शहरवासियों को हो रही है। नगर निगम को हर साल शहरवासियों को पानी की सप्लाई से एक अरब रुपये का घाटा हो रहा है। 2027 तक शहरवासियों को 24 घंटे पानी की सप्लाई मिलनी शुरू हो जाएगी। नगर निगम ने स्मार्ट सिटी के तहत इस प्रोजेक्ट को पास कर दिया है ऐसे में हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम पानी की बर्बादी रोकने में अपनी भूमिका निभाएं। चंडीगढ़ में प्रति व्यक्ति 254 लीटर पानी

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चंडीगढ़ में प्रति व्यक्ति को प्रतिदिन 254 लीटर पानी मिल रहा है जोकि देश में सबसे ज्यादा है। जबकि देश में औसतन पानी की खपत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर है। शहर में पानी का प्रयोग सबसे ज्यादा उत्तरी सेक्टरों के लोग ही करते हैं जबकि यहां पर वीआइपी एरिया ज्यादा है। यहां पर पानी की खपत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 1000 लीटर है। दुनिया की 16 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है जबकि पीने का पानी सिर्फ चार फीसद है। एक सेकेंड में नल से टपकने वाली बूंद से 21 हजार गैलन पानी बर्बाद हो जाता है। एक्सप‌र्ट्स के अनुसार एक व्यक्ति को दिन में पीने के लिए दो से पांच लीटर पानी और नहाने के लिए लगभग 50 लीटर पानी चाहिए। शौच आदि जाने के लिए भी अधिकतम 50 लीटर पानी का प्रयोग किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त अन्य कामों के लिए भी व्यक्ति 25 लीटर पानी का प्रयोग करें तो भी शहर में प्रति व्यक्ति पानी की खपत अधिक है। छह फेज से आ रहा है पानी

कजौली वाटर व‌र्क्स के पहले चार फेज से भाखड़ा से 58 एमजीडी पानी की सप्लाई हो रही है जबकि दो माह पहले ही नए बने पांचवें और छठे फेज से 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी मिल रहा है। जिसके आने से शहरवासियों को अब दोपहर को दो घंटे की अतिरिक्त सप्लाई शुरू की गई है। इससे नगर निगम का 35 करोड़ रुपये का खर्चा भी बढ़ गया है। जबकि 22 एमजीडी पानी की सप्लाई 220 ट्यूबवेल से हो रही है। शहर में औसतन एक परिवार में चार व्यक्ति हैं। ऐसे में हर परिवार एक दिन में 1008 लीटर पानी प्रयोग कर रहा है। जनसंख्या कम लेकिन पानी की खपत में ज्यादा

नार्थ सेक्टर में सबसे ज्यादा पानी की खपत होती है जबकि यहां पर दक्षिणी के मुकाबले में जनसंख्या भी कम रहती है। वीआइपी सेक्टर में प्रति व्यक्ति की प्रति दिन की खपत दक्षिणी सेक्टरों और गांवों के मुकाबले में कई गुना है। उत्तरी सेक्टरों में लोग अपने बगीचों की सिंचाई से करते हैं जबकि नगर निगम की ओर से नामिनल रेट पर टर्शरी वाटर दिया जा रहा है। नए बायलॉज में एक कनाल से लेकर ऊपर तक की कोठियों में टर्शरी वाटर का कनेक्शन लेना जरूरी कर दिया है। नॉर्थ सेक्टर प्रति लीटर

सेक्टर-3 1163

सेक्टर-4 1376

सेक्टर-5 817

सेक्टर-9 1063 दक्षिणी

सेक्टर-45 185

सेक्टर-56 138 गांव

बुड़ैल 127

बापूधाम 117

डड्डूमाजरा 164

मौलीजागरां 113

खुड्डा लाहौरा 115 हर गर्मी इन एरियों में रहती है लो प्रेशर की दिक्कत

सेक्टर-7, 15, 16, 18, 20, 21, 24, 25, 26, 27, 29, 30, 32, 37, 38, 39, 40, 42, 44, 45, 47, 49, 52 और 61 में लगातार पानी के लो प्रेशर की दिक्कत से लोगों को झेलना पड़ रहा है। यहां तक कि जिन एरिया में बूस्टर भी लगे हुए हैं, वहां पर भी पानी के लो प्रेशर की दिक्कत आ रही है। इसके साथ ही मनीमाजरा, धनास, बापूधाम, मलोया और गांव के एरिया में पानी के किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को ग्राउंड फ्लोर या खुद मेहनत करके पानी चढ़ाना पड़ रहा है या फिर मोटर लगाई है जिससे बिजली का खर्चा बढ़ जाता है। इस नंबर पर फोन कर सकते हैं शहरवासी

नगर निगम की ओर से पानी की किल्लत और बर्बादी की शिकायत दर्ज करवाने के लिए 155304 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। इस नंबर पर सुबह आठ से शाम आठ बजे तक शहरवासी फोन कर सकते हैं। इस नंबर पर फोन करके शहरवासी अपने घर पर पानी का टैंकर भी मंगवा सकते हैं। शहर में तेजी से गिर रहा है पानी का ग्राउंड लेवल

शहर में पानी का ग्राउंड लेवल निरंतर गिर रहा है। शहर में कहीं-कहीं पानी का लेवल एक साल के दौरान चार से पांच मीटर भी गिर रहा है। यह खुलासा सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी की रिपोर्ट में हो चुका है। कमिश्नर चाहते थे कि जो इस समय ट्यूबवेल से जमीनी पानी की सप्लाई हो रही है, उसे बंद कर दिया जाए लेकिन पार्षदों के दबाव के कारण अधिकारी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए अब शहर में नया ट्यूबवेल लगाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। लगातार पानी का लेवल गिरने का कारण यह भी है कि बरसाती पानी की निकासी नहीं हो रही है क्योंकि शहर में ज्यादा से ज्यादा पेवर ब्लॉक और कंक्रीट किया जा रहा है। इसके अलावा जो शहर में ट्यूबवेल लगाए गए हैं। उनका ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करके पानी निकाला जा रहा है क्योंकि शहर में पानी की मांग लगातार बढ़ रही है। पर्यावरण प्रेमी राहुल महाजन का कहना है कि शहर में हरियाली और कच्ची जगह की कमी होती जा रही है क्योंकि नगर निगम ने पूरे शहर को पेवर ब्लॉक में तबदील कर दिया है जिस कारण बरसाती पानी की निकासी नहीं हो पाती और शहर में जलभराव होने का भी यही कारण है।

शहर में अन्य शहरों के मुकाबले में पानी ज्यादा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पानी की बर्बादी भी हो। इस बार पानी की बर्बादी करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। नगर निगम की ओर से पूरा प्रयास किया जाएगा कि गर्मी में पानी की किल्लत न आने दी जाएगी। रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनों को भी चाहिए की पानी की बर्बादी रोकने के लिए नगर निगम की मदद करे।

-शैलेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर, नगर निगम मै खुद भी पानी की बर्बादी नहीं होने देती। मुझे हरियाली काफी अच्छी लगती है। घर को हरा-भरा बनाने के लिए वह टर्शरी वाटर का प्रयोग करती हैं। अब शहर में पानी की कोई किल्लत नहीं है। इस बार लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। अधिकारियों को भी कहा जाएगा कि एक प्लान तैयार किया जाए जिससे जो इस समय लीकेज से पानी बर्बाद हो रहा है, उसे रोका जाए।

-राजबाला मलिक, मेयर इस बार वह अपनी संस्था की ओर से लोगों को उतना ही पानी का प्रयोग करने के लिए जागरूक करेंगे जितने की जरूरत है। पानी की बर्बादी रोकने के लिए वह एक नुक्कड़ नाटक भी करवाएंगे जोकि शहर में एक माह बाद से लोगों को जागरूक करेंगे। भविष्य की पीढ़ी के लिए पानी बचाने की जिम्मेदारी वर्तमान समाज की है।

-राहुल महाजन, संस्थापक, आर्गेनिक शेयरिग शहर में पानी की कोई कमी है। लेकिन अधिकारियों को भी पानी की लीकेज दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए। पानी की बर्बादी रोकने के लिए शहरवासियों को शामिल किया जाएगा। पानी को बचाने और बर्बादी रोकने के लिए रेजिडेंट्स चाहे तो अच्छे सुझाव दे सकते हैं, उन पर मंथन किया जाएगा।

-अनिल दूबे, चेयरमैन, वाटर सप्लाई कमेटी


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