अब Colour Therapy से बदली जाएगी कैदियों की सोच, हल्के रंग में रंगेगी जेल की दीवारें
जेल प्रशासन का कहना है कि कई मनोचिकित्सकों पीयू साइक्लॉजी डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट और पेंटरों से चर्चा करने के बाद इसका फैसला लिया गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। रंग खुशियों के प्रतीक होते है, इसके बारे तो सुना था, लेकिन यही रंग किसी की मानसिक प्रवृत्ति में बदलाव भी ला सकते हैं, ऐसा प्रयास पहली बार मॉडल जेल में देखने को मिला। यहां अपने अपराधों की सजा काट रहे कैदी अब जेल की दीवारों पर पेंटिंग कर रहे हैं। जेल प्रशासन का मानना है कि कैदियों को यहां सिर्फ सजा पूरी करने के लिए नहीं बंद किया जाता, बल्कि उनकी कोशिश यह रहती है कि उनके जीने, सोचने के तरीके में पहले के मुकाबले एक अच्छा परिवर्तन आए। इसलिए जेल प्रशासन द्वारा कैदियों के लिए क्लर थैरेपी शुरू की गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आने वाले मंगलवार को शहर के प्रशासक और पंजाब के गवर्नर वीपी सिंह बदनोर इसका शुभारंभ करने आएंगे।
यह है कलर थैरेपी
जेल में कैदियों द्वारा दीवारों पर हल्के रंगो की पेंटिंग को बनाया जा रहा है। इनमें प्राकृतिक चीजे जैसे पेड़, फूल, उगते हुआ सूरज की पहली किरण के साथ उड़ते हुए पक्षी आदि की पेंटिंग बनाई जा रही है। जेल प्रशासन का कहना है कि कई मनोचिकित्सकों, पीयू साइक्लॉजी डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट और पेंटरों से चर्चा करने के बाद इसका फैसला लिया गया है। बताया कि हल्के रंग मानसिक स्थिति को साकारात्मक बनाते है, वहीं गहरे रंग व्यक्ति को हिंसक और नाकारात्मक बनाते है। हल्के रंगों से बनी पेंटिंग को जब कैदियों की नजरों के सामने रहेगी तो उनके नजरिये और व्यवहार में परिवर्तन आ सके और जेल से रिहा होने के बाद एक अच्छी और नई उमंग से भरी जिंदगी जी सके। यही नहीं इससे कैदियों को अपनी प्रतिभा को निखारने का भी मौका मिल रहा है। अच्छी पेंटिंग बनाने के लिए कैदी अब पुरजोर कोशिशें करने में लगे हुए हैं।
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