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सीएम कर्मचारियों से बोले- रैलियां न करो, वित्त मंत्री ने कहा- रैली करके आ जाओ, फिर बैठक करेंगे

कर्मचारियों व पेंशनरों के प्रदर्शन रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक की लेकिन मुलाजिमों की मांगों का कोई निपटारा न होने के कारण यह बेनतीजा रही।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 03:19 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 09:00 AM (IST)
सीएम कर्मचारियों से बोले- रैलियां न करो, वित्त मंत्री ने कहा- रैली करके आ जाओ, फिर बैठक करेंगे
सीएम कर्मचारियों से बोले- रैलियां न करो, वित्त मंत्री ने कहा- रैली करके आ जाओ, फिर बैठक करेंगे

चंडीगढ़ [जय सिंह छिब्बर]। उपचुनाव के दौरान चार विधानसभा हलकों में कर्मचारियों व पेंशनरों के प्रदर्शन रोकने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक की, लेकिन मुलाजिमों की मांगों का कोई निपटारा न होने के कारण यह बेनतीजा रही।

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दिलचस्प बात है कि मुख्यमंत्री ने अलग-अलग कर्मचारी संगठनों के नेताओं के साथ बैठक करके मांगें मानने का भरोसा दिया और रैलियां-प्रदर्शन न करने की बात कही। वहीं, एक अलग बैठक में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कर्मचारियों से कहा, 'चलो कोई बात नहीं रैली करके आ जाओ। फिर बैठक करेंगे।' पिछले कई महीनों से मांगें लागू करवाने के लिए अलग-अलग कर्मचारी संगठनों ने सरकार के खिलाफ झंडा बुलंद किया हुआ है।

सीएम ने पंजाब एंड यूटी मुलाजिम पेंनशर्स एक्शन समिति के नेताओं सज्जण सिंह, रणबीर सिंह ढिल्लों, निर्मल सिंह धालीवाल, दर्शन सिंह, अशीष, हरभजन सिंह और साझा कर्मचारी संघर्ष समिति के नेताओं के साथ भी मीटिंग की। सीएम ने भरोसा दिया कि सरकार कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने समेत अन्य सभी मांगें मानने को राजी है। कैबिनेट सब कमेटी जल्द ही रिपोर्ट सौंप देगी। उन्होंने वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से फोन पर बातचीत करके मांगों पर वित्तीय फैसला लेने व कर्मचारियों संग बैठक करने के निर्देश दिए।

वित्त मंत्री शाम को सचिवालय भी पहुंच गए और सोमवार को दोबारा बैठक का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि आज विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित नहीं हैं, इसलिए कोई फैसला नहीं हो सकता। इस पर कर्मचारियों ने कहा कि सोमवार को तो रैली है। इस पर मनप्रीत ने कहा, 'कोई बात नहीं रैली करके आ जाओ।' मनप्रीत के मुंह से यह बात सुन कर कर्मचारी नेता देखते रह गए।

ये हैं मांगें

  • पेडिंग डीए की किश्तों में से कम से कम दो किश्तों का भुगतान
  • दिवाली के चलते बकाया राशि में से कुछ का भुगतान।
  • पे कमीशन को समयबद्ध करना।
  • दर्जा चार कर्मचारियों की भर्ती करना
  • मार्च में मानी गईं मांगों को लागू करना।

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