नशे के खात्मे के लिए बनी एसटीएफ चीफ सिद्धू को हटाया, सीएम के वरिष्ठ प्रमुख सचिव का जिम्मा
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा उलटफेर करते हुए नशे के खात्मे के लिए बनी एसटीएफ के चीफ एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू को हटा दिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा उलटफेर करते हुए नशे के खात्मे के लिए बनी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के चीफ एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू को हटा दिया। उनके स्थान पर डीजीपी (ह्यूमन राइट्स) मोहम्मद मुस्तफा को कमान सौंपी गई है। सिद्धू को कैप्टन ने अपने वरिष्ठ प्रमुख सचिव का जिम्मा सौंपा है।
यह दूसरा मौका है, जब पंजाब सरकार ने किसी आइपीएस अफसर को मुख्यमंत्री का वरिष्ठ प्रमुख सचिव तैनात किया है। इससे पहले आइपीएस राकेश चंद्र को सीएमओ में तैनात किया गया था। वरिष्ठ अधिकारियों की राय में सरकार ने एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं।
सिद्धू को हटाकर नशे को लेकर कठघरे में खड़ी पुलिस को सरकार ने राहत दी है। सिद्धू ने नशे के खात्मे के लिए काफी कवायद की थी। उनकी पॉवर बढ़ाकर उन्हें सरहदी इलाकों का प्रभार भी सौंपा गया था। इसके बाद से ही डीजीपी सुरेश अरोड़ा व सिद्धू की लॉबी के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया था।
लंबे समय से चल रहा था विवाद
मोगा के पूर्व एसएसपी राजजीत सिंह व पूर्व इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह के नशे के सौदागरों से कनेक्शन को भी डीजीपी अरोड़ा, डीजीपी (इंटेलीजेंस) दिनकर गुप्ता व डीजीपी (एचआरडी) एस. चट्टोपाध्याय लंबे समय से आमने-सामने चल रहे हैं। हाई कोर्ट में अभी एसटीएफ की रिपोर्ट के बाद कारवाई गई जांच रिपोर्ट खोली जानी है। उसके बाद कई बड़े पुलिस अफसरों पर गाज गिरना तय माना जा रहा था।