CM कैप्टन अमरिंदर ने सुखबीर को भेजी हिटलर की आत्मकथा, कहा- इतिहास से सीखें
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिअद प्रधान सुखबीर बादल के बीच जुबानी जंग जारी है। कैप्टन अमरिंदर ने सुखबीर को हिटलर की आत्मकथा भेजी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। कैप्टन ने सुखबीर को जर्मनी के पूर्व तानाशाह अडोल्फ हिटलर की आत्मकथा 'माइन काम्फ' की प्रति भेजी है। उन्होंने सुखबीर को इतिहास से सीख लेने की सलाह भी दी है। जवाब में सुखबीर ने भी कैप्टन को 1984 के दंगों पर लिखी किताबों से सबक लेने को कहा है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुखबीर को किताब के साथ एक चिट्ठी भी भेजी है। इस चिट्ठी को उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए सुखबीर को टैग किया है। उन्होंने लिखा है अकाली नेता किताब पढ़ें और उसके बाद फ़ैसला करे कि 'राष्ट्र पहले है या राजनीतिक सरोकार। वह इस असंवैधानिक कानून के खतरनाक परिणामों को समझ नहीं पा रहे हैं।'
नागरिकता संशोधन कानून पर ट्विटर पर भिड़े कैप्टन और सुखबीर
इस पर सुखबीर बादल ने भी ट्विटर पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आपने सबक सिखाने के लिए हिटलर ही आत्मकथा ही क्यों चुनी। आपने दर्जनों सिख साहित्यकारों की श्री हरिमंदिर साहिब पर कांग्रेस शासन काल में हुए हमले और 1984 के सिख नरसंहार पर लिखी किताबों से कोई सबक क्यों नहीं लिया।
सुखबीर का पलटवार- आपने 1984 में सिख नरसंहार पर लिखी किताबों से सबक क्यों नहीं लिया
चिट्ठी में मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा, 'संसद के दोनों सदनों व विधानसभा में इस बिल के हक में खड़ा होना और बाकी मंचों पर इसका विरोध करना एक राजनेता की अज्ञानता को दिखाता है। मैंने विधानसभा के सत्र में अकाली नेताओं को यह किताब भेजने का वादा किया था, जिसका अंग्रेजी अनुवाद 'माई स्ट्रगल्ज' (मेरा संघर्ष) है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लिखा, 'यह उसका (हिटलर) विश्वास था जो उसने सत्ता के उभार के दौरान जर्मन के लोगों को बेचा और बाद में जब उसकी नाजी पार्टी ने सत्ता संभाली तो यह उसकी सरकार की नीति बन गई।' उन्होंने लिखा, 'हिटलर ने अपनी क्षेत्रीय इच्छाएं पूरी करने के लिए दूसरे समुदायों पर अत्याचार किए और आखिर में यहूदियों का खात्मा किया।'
राष्ट्रीय रजिस्टर की बात करना गलत
कैप्टन ने कहा, 'किताब पढ़ो जैसे कि हर कोई इतिहास से सीखता है। जोसेफ गोएबल्ज के अधीन जर्मन की अपेक्षा अलग है। मुसलमानों और यहूदी भाईचारे को खत्म करने के लिए कैंप बनाना और राष्ट्रीय रजिस्टर की बात करना भी गलत है। कांग्रेस समेत कुछ राजनीतिक पार्टियां देशभर में रोष जता रही हैं। अब समय आ गया है कि बाकी भी इसमें शामिल हों।'
किताबों का बंडल भेजूंगा, इससे आपकी भूलने की बीमारी को दूर होगी: सुखबीर
सुखबीर ने ट्वीट कर जवाब दिया, 'मैं जल्द ही आपको कांग्रेस का विवरण देने वाली ऐसी महत्वपूर्ण पुस्तकों बंडल भेजूंगा कि कैसे कांग्रेस ने हमारे पवित्रतम मंदिर पर हमले के साथ-साथ सिखों की सामूहिक हत्या की योजना बनाई थी। मुझे यकीन है कि ये पुस्तकें आपकी भूलने की बीमारी को दूर कर देंगी। कृपया इन पुस्तकों को अपनी लाइब्रेरी में जगह दें और इन्हें पढ़ें। आप फिर कभी किसी को अयोग्य सुझाव नहीं देंगे। गांधी परिवार के प्रति उदारता का त्याग कर खुशामद बंद करें।
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आपको अपनी पत्नी की चिंता सता रही है: कैप्टन
मुख्यमंत्री ने कहा, क्या सड़कों पर उतरे लाखों लोग भी गांधी परिवार की ख़ुशामद के लिए ऐसा कर रहे हैं? मुझे लगता है कि आपको अपनी पत्नी हरसिमरत कौर बादल की कुर्सी की चिंता सता रही है। क्या सुखबीर मुझे एक भी ऐसी मिसाल दे सकते हैं, जहां मैंने सताए हुए सिखों या हिंदुओं के मामलों में इनको राहत देने का विरोध किया हो।'