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स्टूडेंट्स के लिए न बैठने की जगह और न ही ऑडिटोरियम, ऐसे हैं पीयू भाषा विभाग के हाल

पंजाब यूनिवर्सिटी का लैंग्वेज विभाग बहुत ही खराब हालत में है। विभाग के पास न तो खुद की कोई इमारत है और न ही कोई क्लास व ऑडिटोरियम।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 11:42 AM (IST)Updated: Sun, 24 Feb 2019 11:42 AM (IST)
स्टूडेंट्स के लिए न बैठने की जगह और न ही ऑडिटोरियम, ऐसे हैं पीयू भाषा विभाग के हाल
स्टूडेंट्स के लिए न बैठने की जगह और न ही ऑडिटोरियम, ऐसे हैं पीयू भाषा विभाग के हाल

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी का लैंग्वेज विभाग बहुत ही खराब हालत में है। विभाग के पास न तो खुद की कोई इमारत है और न ही कोई क्लास व ऑडिटोरियम। ऐसे में वह क्लास लगाने के लिए ही एक से दूसरे डिपार्टमेंट में रोजाना चक्कर लगाते रहते हैं। परेशानी सिर्फ बैठने की हो तो स्टूडेंट्स निपट भी लें, लेकिन फैकल्टी की भी यहां खासी किल्लत है। स्टूडेंट्स लगातार इसकी शिकायत भी कर रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। लैंग्वेज विभाग पीयू का सबसे पुराना विभाग है। यहां पर चाइनीज, तिब्बती, जर्मन, फ्रेंच, रशियन और फारसी भाषाओं को पढ़ाया जाता है। यह सारे विषय उर्दू विभाग के अंडर आते हैं। इसमें इन भाषाओं का डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स, मास्टर और पीएचडी तक कराई जाती है।

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खामियों के कारण कम हो रही स्टूडेंट्स की संख्या

बुनियादी सुविधाओं की कमी, प्रबंधन की खामियों और दाखिले की संख्या में की गई कमी के चलते स्टूडेंट्स की संख्या कम होती जा रही है। वर्ष 2018-19 के दाखिले में फ्रेंच भाषा की 200 सीटों पर ही दाखिला हुआ था, जबकि इस कोर्स में पहले 300 स्टूडेंट्स को दाखिला मिलता था। जून-जुलाई में दोबारा से एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इस बार भी एडमिशन की संख्या कम हो सकती है।

85 सीटों के लिए 250 आवेदन

लैंग्वेज विभाग की बात करें तो शैक्षणिक सत्र में सर्टिफिकेट कोर्स में 85 सीटें हैं, जिसके लिए वर्ष 2018-19 में 250 आवेदन जमा हुए थे। वहीं फारसी की डिग्री के लिए 34 सीटों पर 150 आवेदन, इस भाषा में मास्टर्स की 34 सीटों पर दाखिले के लिए 100 आवेदन जमा हुए थे।

जर्मन और चाइनीज भाषा के लिए क्रेज

लैंग्वेज डिपार्टमेंट में जर्मन और चाइनीज भाषा को लेकर स्टूडेंट्स का रिस्पांस काफी अधिक है। वर्तमान में 150 के करीब स्टूडेंट्स जर्मन भाषा की पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि शिक्षकों की कमी की मार इन्हें झेलनी पड़ रही है। वहीं स्टूडेंट्स के बैठने की भी उचित व्यवस्था यहां नहीं है। इसी तरह से चाइनीज भाषा में 50 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि दाखिले के लिए 400 तक आवेदन हुए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्टूडेंट्स में विदेशी भाषाओं को सिखने का काफी क्रेज है। छात्र हिमांशु ने बताया कि छात्रों के बीच विदेशी भाषाओं को लेकर काफी क्रेज है, लेकिन प्रबंधन की ओर से विभागों में बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा है।

सभी भाषाओं के स्टूडेंट्स को एक स्थान पर लाना संभव नहीं

पंजाब यूनिवर्सिटी के डीयूआइ शंकरजी झा का कहना है कि  केमिकल ऑडिटोरियम में लगने वाली फारसी और उर्दू क्लासों के लिए अभी गुरु तेग बहादुर भवन और स्वामी विवेकानंद भवन उपलब्ध कराया जाएगा। कार्य पूरा हो चुका है, उन्हें जल्द ही शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि सभी भाषाओं के स्टूडेंट्स को एक स्थान पर इकट्ठा किया जाए, यह फिलहाल संभव नहीं है।

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