शहर के शूटर अंगद ने दिलाया स्किट स्पर्धा में भारत को ओलंपिक कोटा
शहर के शूटर अंगद वीर सिंह बाजवा ने भारत को पहली बार स्किट में ओलंपिक कोटा मिला।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के शूटर अंगद वीर सिंह बाजवा ने भारत को पहली बार स्किट स्पर्धा में ओलंपिक कोटा दिलाया है। उनके साथ एक अन्य भारतीय शूटर मैराज अहमद खान ने भी भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल किया है। चंडीगढ़ से शूटिग के गुर सीखने वाले 23 साल के अंगद ने दोहा में आयोजित 14वीं एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। भारत को इस तरह पहली स्किट स्पर्धा में एशियाई चैंपियन मिला है। इसके अलावा यह पहली बार होगा कि स्कीट स्पर्धा में भारत के दो निशानेबाज टोक्यो ओलंपिक 2020 में हिस्सा लेंगे। गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक 2020 में इस बार सबसे ज्यादा 15 भारतीय शूटर्स की टीम हिस्सा ले रही है। इससे पहले लंदन ओलंपिक 2012 में 11 भारतीय शूटर्स दल ने हिस्सा लिया था। वहीं रियो डी जिनेरियो ओलंपिक में 12 ओलंपिक दल ने हिस्सा लिया था। वर्ल्ड रिकॉर्ड है अंगद वीर सिंह बाजवा के नाम
कुवैत में आयोजित एशियन शॉटगन चैंपियनशिप में अंगद ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। इस प्रतियोगिता में अंगद ने 60 में से 60 टारगेट हासिल कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। अंगद के पिता गुरपाल सिंह बाजवा का कनाडा में होटल का बिजनेस है। अंगद ने सबसे पहले कनाडा में ही शूटिग के गुर सीखे। साल 2015 में वह शूटिग में करियर बनाने के लिए भारत वापस लौट आए थे।
अंजुम और यशस्विनी पहले ही हासिल कर चुकी हैं ओलंपिक कोटा
शहर की अंजुम और यशस्विनी सिंह देसवाल पहले ही ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुकी हैं। अंजुम मोदगिल ने साउथ कोरिया के चांगवोन शहर में आयोजित आइएसएसएफ शूटिग वर्ल्डकप में 10 मीटर एयर राइफल प्रतिस्पर्धा में सिल्वर मेडल हासिल करते हुए देश के लिए पहला ओलंपिक कोटा हासिल किया था। वहीं, डीएवी कॉलेज में अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रही यशस्विनी सिंह देसवाल ने दुनिया की नंबर एक निशानेबाज ओलेना कोस्तेविच को पछाड़कर 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल किया था। शहर के शूटर अभिनव बिद्रा ने जीता था देश के लिए पहला गोल्ड मेडल
बिजिग ओलंपिक-2008 की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाले शूटर अभिनव बिद्रा भी चंडीगढ़ से हैं। बिद्रा पटियाला की राव शूटिग रेंज में कोच कर्नल जेएस ढिल्लों से कोचिग लेते थे और उन्होंने शहर से कोचिग के गुर सीख ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। उनके नक्शे कदम पर चलते हुए आज शहर के कई शूटर हैं जो विश्व स्तर पर अपनी धाक जमाए हुए हैं।