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पिंजाैर-कालका के विकास के लिए नगर परिषद ज्यादा जरूरी : विजय बंसल Chandigarh News

बंसल ने 2010 में याचिका दायर कर नगर निगम के गठन को चुनौती दी थी व हाईकोर्ट ने नगर निगम को भंग करने के आदेश दिए थे।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 03:35 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:40 PM (IST)
पिंजाैर-कालका के विकास के लिए नगर परिषद ज्यादा जरूरी : विजय बंसल Chandigarh News
पिंजाैर-कालका के विकास के लिए नगर परिषद ज्यादा जरूरी : विजय बंसल Chandigarh News

कालका, [सौरव बत्रा] । कालका-पिंजाैर के विकास के लिए नगर परिषद होना ज्यादा जरूरी है। नगर निगम ने पिछले नाै सालाें में इलाके में विकास का काेई काम नहीं करवाया है। कालोनियां भी अनियमित ही रह गई। लोगाें पर टैक्स का खाैफ मंडरा रहा है जबकि सुविधाएं नामात्र है। यह कहना है शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष व पूर्व चेयरमैन विजय बंसल का।

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बंसल ने 2010 में जनहित याचिका दायर कर नगर निगम के गठन को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने नगर निगम को भंग करने के आदेश दिए थे जिसके बाद पिंजाैर-कालका नगर पालिका व पंचकूला परिषद बहाल हो गई थी।अब भी हाईकोर्ट में नगर निगम पंचकूला को भंग करवाने के लिए याचिका में बंसल का अहम राेल रहा है।

पूर्व पार्षद द्वारा नगर निगम को कायम रखने के लिए याचिका दायर की हुई है जिसके विरोध में विजय बंसल भी याचिका में पार्टी बने हुए है। विजय बंसल ने कहा गत पांच सालाें से मुख्यमंत्री खट्टर को ज्ञापन भेज कर मांग की जा रही है कि कालका व पिंजौर नगर निगम ज़ोन को नगर परिषद बनाया जाए।

क्या है मामला

हरियाणा किसान कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय बंसल ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 18 मार्च 2010 ने नगर निगम पंचकूला का गठन किया था जिसमे पंचकूला नगर परिषद, नगरपालिका कालका व नगरपालिका पिंजौर तथा 42 ग्राम पंचायताें को शामिल किया गया था।यह सब गलत तरीके से किया गया जिसके विरोध में बंसल ने याचिका दायर कर निगम भंग करवाया था।

हरियाणा नगर निगम एक्ट 1994 की धारा 3 जिसके अंतर्गत इनकी घोषणा की गई उसमे नगर परिषदाें एवं नगर पालिकाओं को आपस से मिलाकर व साथ ही उनके साथ गांव को जोड़कर नगर निगम का गठन नहीं किया जा सकता। 

इसके साथ ही तत्कालीन हरियाणा सरकार ने नगर निगमों के गठन के लिए दिनाक 1-1-2010 को यू एल बॉडीज डिपार्टमेंट द्वारा एक नियामवली बनाई गई व जिसमें नगर निगमों के गठन की प्रक्रिया निर्धारित की गई थी। बाद में हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले पर स्थगन ले लिया व पुन: नगर परिषद पंचकूला व नगरपालिका कालका व नगर पालिका पिंजौर का गठन कर दिया गया तथा बाद में बाकि नगर निगमों के साथ ही हरियाणा के 7 नगर निगमों का चुनाव कर दिया गया। 

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