शहर की पहचान हैं राउंडअबाउट, अब प्रशासन एक-एक कर हटाने में जुटा
राउंडअबाउट सिटी ब्यूटीफुल की पहचान रहे हैं। यह केवल खूबसूरती बढ़ाने के लिए नहीं हैं बल्कि निर्बाध और सुरक्षित ट्रैफिक के लिए भी जाने जाते रहे हैं। लेकिन एक-एक कर इन राउंडअबाउट को हटाया जा रहा है।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़
राउंडअबाउट सिटी ब्यूटीफुल की पहचान रहे हैं। यह केवल खूबसूरती बढ़ाने के लिए नहीं हैं बल्कि निर्बाध और सुरक्षित ट्रैफिक के लिए भी जाने जाते रहे हैं। लेकिन एक-एक कर इन राउंडअबाउट को हटाया जा रहा है। इनकी जगह ट्रैफिक सिग्नल इंस्टॉल किए जा रहे हैं। अब हल्लोमाजरा राउंडअबाउट को चारों तरफ से काट कर छोटा किया जा रहा है। इसके आकार को 10 फीट से अधिक तक काट कर छोटा कर दिया गया है। अभी इसे छोटा किया जा रहा है बाद में हटाया जा सकता है। ऐसा पहले भी हुआ है सबसे पहले हटाए गए हाउसिग बोर्ड चौक के राउंडअबाउट को इसी तरह छोटा कर हटा दिया गया था। हल्लोमाजरा राउंडअबाउट शहर के सबसे बड़े चौक में से एक है। हटाने या छोटा करने से भी हल नहीं होगी समस्या
हल्लोमाजरा चौक पर लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है। इसी ट्रैफिक की वजह से प्रशासन ने राउंडअबाउट का आकार छोटा करने का निर्णय लिया है। लेकिन इसे छोटा करने से भी समस्या का समाधान नहीं होगा। बल्कि इससे हादसे बढ़ेंगे। हल्लोमाजरा चौक हरियाणा, दिल्ली जैसे राज्यों और जीरकपुर का मुख्य एंट्रेंस है। सुबह और शाम पीक ऑवर्स में यहां दोनों साइड लंबा जाम लगता है। पहले जाम को देखते हुए यहां ट्रैफिक सिग्नल इंस्टॉल किया गया था। लेकिन यह भी कारगर नहीं हुआ। अब आखिर में चौक को छोटा करने का निर्णय लिया गया है। ली कार्बूजिए के सिद्धांत को भूला प्रशासन
चंडीगढ़ के क्रिएटर ली कार्बूजिए ने चंडीगढ़ को जिस सिद्धांत पर बनाया था उसे यूटी प्रशासन के अधिकारी भूल गए हैं। राउंडअबाउट से ट्रैफिक फ्री फ्लो होता है। इसमें किसी तरह के मेनुअली ऑपरेट और ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत नहीं होती। ट्रैफिक अपने आप निकलता रहता है। चौराहे पर वाहन अकसर स्पीड अधिक होने की वजह से क्रॉसिग के चक्कर में टकराते हैं। राउंडअबाउट का यह सबसे बड़ा फायदा है कि राउंडअबाउट पर घूमने की वजह से वाहन की स्पीड कम हो जाती है। अभी तक यह हटाए गए राउंडअबाउट, लेकिन यहां जाम अब भी लग रहा
प्रशासन ट्रैफिक दबाव के नाम पर पहले सेक्टर 18-17, 8-9 और सेक्टर 26-28 ट्रांसपोर्ट राउंड अबाउट को तोड़कर ट्रैफिक लाइट लगवा चुका है। हाउसिग बोर्ड राउंडअबाउट को सबसे पहले तोड़ा गया था। वहां पर पहले छोटा राउंड अबाउट था, उसकी जगह पहले बड़ा राउंड अबाउट बनाया था। उससे भी ट्रैफिक दबाव कंट्रोल नहीं हुआ तो पुलिस ने उसे तोड़ कर लाइट लगाने की रिपोर्ट भेजी थी। इसके अलावा वी-4 रोड से एक सेक्टर को दूसरे से जोड़ने वाले सेक्टर-44-43, 34-35, 52-44 जैसे राउंडअबाउट को भी हटाया जा चुका है। ट्राईसिटी कोऑर्डिनेशन कमेटी की मीटिग में हरियाणा ट्रिब्यून राउंड अबाउट को हटाने का सुझाव भी दे चुका है। एक्सपर्ट व्यू..
राउंडअबाउट से छेड़छाड़ की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट करें मजबूत
राउंड अबाउट को हटाना ट्रैफिक समस्या का समाधान नहीं है बल्कि यह नासमझी में लिया गया फैसला है। पहले जो राउंडअबाउट हटाए गए हैं वह हटाने के बाद उन चौराहों पर हादसे बढ़े हैं। ट्रैफिक कम करने के लिए शहर का समग्र प्लान बनाने की जरूरत है, जिसमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट से लेकर ट्रैफिक मैनेजमेंट को शामिल किया जाए। राउंडअबाउट बनाने के उद्देश्य को समझने की जरूरत है। इससे ट्रैफिक फ्री फ्लो होता है।
- सुमित कौर, पूर्व चीफ आर्किटेक्ट, चंडीगढ़। ट्रैफिक स्टडी के बाद राउंडअबाउट हटाने का निर्णय लिया जाता है। राउंडअबाउट के साथ ट्रैफिक सिग्नल भी होना चाहिए। हटाना या छोटा करना ठीक नहीं है। राउंडअबाउट हटाने से स्पीड लिमिट बढ़ेगी जो हादसों का कारण बनेगी। वाहन इतने बढ़ रहे हैं कि यह समस्या अब आती ही रहेगी। वाहनों की गति पर नियंत्रण जरूरी है।
- वीके भारद्वाज, पूर्व चीफ इंजीनियर, चंडीगढ़। राउंडअबाउट का इंप्रूवमेंट वर्क कर रहे हैं। इसका रेडियस कम नहीं होगा। इंडस्ट्रियल एरिया साथ पड़ता है यहां से बड़े ट्राले गुजरते हैं जिनकी बॉडी राउंडअबाउट से टकराती है इसलिए चौक के किनारों को उसी हिसाब से ढाला जाएगा। इससे ट्रैफिक की स्थिति भी बेहतर होगी।
- सीबी ओझा, चीफ इंजीनियर कम स्पेशल सेक्रेटरी इंजीनियरिग, चंडीगढ़।