Model Jail की महिला कैदियों के बच्चे करेंगे Convent Schools में पढ़ाई Chandigarh News
जेल प्रशासन की बच्चों की परवरिश स्कूल में एडमिशन और संस्था की बच्चों के 18 साल तक होने की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी होगी।
चंडीगढ़ [कुलदीप शुक्ला]। भारत में पहली बार किसी जेल में बंद महिला कैदियों के बच्चे कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ाई करेंगे। चंडीगढ़ में सेक्टर-51 स्थित मॉडल जेल के प्रशासन ने स्कूलों और निजी समाजसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए यह कदम उठाया है। जेल प्रशासन की बच्चों की परवरिश, स्कूल में एडमिशन और संस्था की बच्चों के 18 साल तक होने की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी होगी। जिसके बाद वे खुद अपने भविष्य का फैसला ले सकेंगे। इसके लिए ईडब्ल्यूएस की तरह एक अलग एडमिशन कोटा होगा।
जेल अधिकारियों के अनुसार इस सत्र में एडमिशन करवाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस वजह से उठाया कदम मॉडल जेल अधिकारियों के अनुसार महिला कैदियों के साथ रहने वाले उनके बच्चों को भी अपनी पढ़ाई से बेहतर भविष्य, देश-विदेश में नाम कमाने और एक मिशाल पेश करने का हक है। ताकि उन बच्चों को बड़े होने पर मां की किसी गलती से बेहतर भविष्य न पाने और समाज में नकारात्मक दृष्टिकोण से न देखे जाएं। 18 साल तक पढ़ाई-लिखाई के बाद बच्चा नॉर्मल जिंदगी जीने के साथ जिंदगी में सफल भी होगा। इस वजह से जेल प्रशासन की ओर से यह फैसला लिया गया है।
मॉडल जेल में तीन बच्चे, अभी क्या हैं उनके लिए नियम
मॉडल जेल में 980 कैदियों में 47 महिला कैदी हैं। उनमें से तीन महिलाओं के बच्चे उनके साथ अंदर रह रहे हैं। एक बच्ची ढाई साल, दूसरी पौने तीन साल और तीसरा बच्चा 15 दिन का है। ये बच्चे छह साल तक जेल के अंदर बने क्रच में बेसिक शिक्षा पूरी करते हैं। उसके बाद जेल प्रशासन उनकी मां की मर्जी से कानूनी प्रोसिडिंग पूरी कर उनके परिवार या रिश्तेदार को सौंप देता है। जिस मां की सहमति परिवार या रिश्तेदार में नहीं होती तो बच्चे को स्नेहालय में भेजा जाता है।
मॉडल जेल के अंदर महिला कैदियों के साथ रहने वाले बच्चों के एडमिशन कॉन्वेंट स्कूल में करवाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए स्कूल प्रशासन और सामाजिक संस्था से बातचीत तय हो चुकी है। इसी सत्र में एडमिशन की कोशिश की जा रही है।
-विराट, एडिशनल आइजी जेल कम सुपरिंटेंडेंट, मॉडल जेल।
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