Lockdown में बच्चों की पढ़ाई का नहीं होगा नुकसान, इस App के जरिए घर बैठे लग रही क्लास
लाॅकडाउन खत्म होने में कितना वक्त लगेगा अभी इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे में स्कूलों ने डिजिटल साॅल्यूशन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
चंडीगढ़, [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। कोरोना वायरस ने देश को पूरी तरह लाॅकडाउन कर दिया है। अप्रैल महीने में स्कूलों में नया सत्र शुरु हो जाता है, लेकिन लाखों बच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं। इस समय बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है, लेकिन तकनीक हर मुश्किल का तोड़ निकाल ही लेती है। साइबर स्कूल मैनेजर एप से अब स्कूली बच्चों को घर बैठे ही क्लास लगाने की सुविधा मिलने लगी है। लाॅकडाउन खत्म होने में कितना वक्त लगेगा अभी इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे में स्कूलों ने डिजिटल साॅल्यूशन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। अधिकतर स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई कराने की तैयारी में है। साइबर स्कूल मैनेजर एप स्कूलों के लिए ऑनलाइन क्लास का बेहतर विकल्प दे रहा है।
डायरेक्टर पुनीत वर्मा ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में बताया कि देश भर में वैसे तो उनके डिजिटल साॅल्यूशन को 200 से अधिक शैक्षणिक संस्थान प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन बीते 10 दिनों में 20 से अधिक इंस्टीट्यूट जुड़े हैं। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए स्कूलों को यह साॅल्यूशन पूरी तरह निशुल्क दिया जा रहा है। स्कूल टीचर्स को विशेष तौर पर तीन से चार घंटे की ट्रैनिंग भी दी जा रही है।
घर बैठे टीचर ले रही क्लास
पुनीत के अनुसार देश ही नहीं विदेश में भी उनकी कंपनी ऑनलाइन साॅल्यूशन की सुविधा दे रही है। स्कूलों के अलावा कोचिंग इंस्टीट्यूट भी शामिल हैं, जिससे लाखों स्टूडेंट्स को फायदा मिल रहा है। लाॅकडाउन में मनीमाजरा के गुरुकुल ग्लोबल और पंचकूला स्थित लिटल फ्लावर जैसे कई स्कूलों के 40 हजार स्टूडेंट्स डिजिटल साॅल्यूशन से घर बैठे पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों की घर बैठे ही हर तरह की काउंसलिंग की जा सकती है। साइबर स्कूल मैनेजर एप से टीचर्स और स्टूडेंट्स आपस में संवाद कर सकते हैं, साथ ही कई तरह की अन्य सुविधाएं भी दी गई हैं। बच्चों से जुड़ी पूरी जानकारी अभिभावक भी एप पर देख सकते हैं।
पीयू से एमबीए की डिग्री 2012 में शुरु की कंपनी
दैनिक जागरण से बातचीत में पुनीत वर्मा ने बताया कि 2012 में कंपनी शुरु की और 2015 में सर्विस देनी शुरु की। पुनीत ने कहा कि अभी तक कोचिंग इंस्टीट्यूट लेवल पर ही ऑनलाइन क्लास का ट्रेंड था, लेकिन मौजूदा लाॅकडाउन जैसे हालात में स्कूल, काॅलेज स्तर पर भी इसकी जरुरत बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि कंपनी सोशल रिस्पांसिबिल्टी को समझते हुए इस समय स्कूलों को ऑनलाइन टीचिंग की सुविधा दे रही है। शिमला से आईटी इंजीनियर पुनीत मूल रुप से हिमाचल के पालमपुर निवासी हैं। एमबीए की पढ़ाई पीयू के यूबीएस से की है। शुरू से ही इन्हें एजुकेशन फील़्ड से लगाव रहा है।
पुनीत वर्मा, डायरेक्टर साइबर स्कूल मैनेजर एप।
डिजिटल क्लास इस समय समय की जरूरत बन गई हैं। ऐसा नहीं है कि यह अभी जरुरी है । छुट्टियों में भी इसका समुचित प्रयोग हो सकेगा। कोचिंग और काउंसलिंग में भी डिजिटल साॅल्यूशन काफी पाॅपुलर हो रहा है।
पुनीत वर्मा, डायरेक्टर साइबर स्कूल मैनेजर एप, चंडीगढ़।