चंड़ीगढ़ में अनोखी पहल, अार्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाई के लिया जा रहा गोद
चंडीगढ़ में लोगों की तरफ से बच्चे पढ़ाई के लिए गोद लिए जा रहे हैं तो एनजीओ आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स को किताबों से लेकर स्टेशनरी और स्कूली बैग तक मुहैया करा रहे हैं। सभी का मकसद एक ही है कि कोई पढ़ाई से वंचित न रहे।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। कोई भी स्टूडेंट पढ़ाई से वंचित न रह जाए, इसके लिए शहर के कुछ लोगों और एनजीओ ने अनोखी पहल की है। लोगों की तरफ से बच्चे पढ़ाई के लिए गोद लिए जा रहे हैं, तो एनजीओ आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स को किताबों से लेकर स्टेशनरी और स्कूली बैग तक मुहैया करा रहे हैं। सभी का मकसद एक ही है कि कोई पढ़ाई से वंचित न रहे।
शहर के शिव चरण गुप्ता ने इस साल पांच स्टूडेंट्स को गोद लिया और उन्हें स्टेशनरी से लेकर फीस जमा कराने का जिम्मा उठाया है। शिव चरण गुप्ता मेडिकल के स्टूडेंट्स को नीट एग्जाम की तैयारी करवाते हैं, लेकिन अब उसके साथ उन्होंने सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के अार्थिक रूप से पिछड़े स्टूडेंट्स को भी गोद लिया है।
एनजीओ के जरिए स्टूडेंट्स की कर रहे पढ़ाई में मदद
ओपन आइज फाउंडेशन स्वयंसेवी संस्था को चलाने वाले संदीप कुमार ने पढ़ाई के लिए अनोखी पहल की है। वह लोगों के घरो से रद्दी के रेट पर पुस्तकें उठाते है और उसके बाद उन्हें मोडिफाई करके उन स्टूडेंट्स को मुहैया करवाते है जो कि किन्हीं कारणाों से किताबें नहीं खरीद पाते या फिर स्टेशनरी के अभाव में पढ़ाई से दूर रह जाते है। जनवरी 2020 से संदीप अब तक सात सौ के करीब स्टूडेंट्स को किताबें और पांच सौ स्टूडेंट्स को स्टेशनरी का सामान मुहैया करवा चुके है। संदीप का प्रयास है कि देश का कोई भी युवा किसी भी कारण से शिक्षा से दूर नहीं रहना चाहिए।
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