कैनवास पर बचपन का प्रिंट
आर्टिस्ट संजय कुमार का आर्टवर्क देखते ही यही अनुभव होता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : कैनवास और उसमें झांकता बचपन। आर्टिस्ट संजय कुमार का आर्टवर्क देखते ही यही अनुभव होता है। जिसे ऑलियांस फ्रांसिस-36 में मंगलवार को प्रदर्शित किया गया। एमडी यूनिवर्सिटी रोहतक के फाइन आर्ट डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर संजय ने अपने हर कैनवास पर बचपन को दर्शाया है। जिसे दर्शाने का अंदाज कुछ अलग है। इसमें ब्लैक एंड व्हाइट इंक के साथ सपनों, कुदरत और क्लाइमेट चेंज जैसे संदेश भी डाले गए हैं। संजय ने कहा कि बचपन से कई चीजें जुड़ी हैं। ये आपको मासूम और प्यार करना सिखाता है। ऐसे में इनको चित्रित करना मेरे लिए खासा मुश्किल था। मगर अपने बचपन को याद करते हुए, ये प्रक्रिया ज्यादा मुश्किल नहीं लगती। सपनों में बचपन की खूबसूरती
संजय ने अपने आर्ट वर्क में सपनों के साथ बचपन को दिखाया है। जिसमें कुदरत और जीवों से जुड़ी आकृति है, साथ ही बच्चों के चेहरे भी जो उन्हें सपनों की दुनिया में दिखाते हैं। उनके भाव और चेहरे पर उठ रहे सवालों को खूबसूरती से पेंट किया गया है। संजय ने कहा कि सपनों की खूबसूरत दुनिया बच्चों की नजर से देखें तो ये और भी क्रिएटिव हो जाती है। बस आपको इसके लिए ज्यादा सेंसेटिव होना पड़ता है। मैंने अपने आर्ट वर्क में कोशिश की कि बच्चों को बच्चों की तरह दिखाउं जैसे ही बड़े होते हैं, हमारे लिए कई चीजें नामुमकिन हो जाती है। ऐसे में हमें वापस बचपन में जाकर उनके होने की संभावनाएं तलाशनी होती है जिसके बाद ऐसे आर्ट वर्क तैयार हो पाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय शो में जाकर समझा कला को
संजय ने कई अंतरराष्ट्रीय शो में हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शो में जाकर कई चीजों से जुड़ना हुआ। मगर हमारा विषय अगर हमसे जुड़ा हो, तो हम इसमें काफी आगे बढ़ सकते हैं। बस यकीन इस और होना चाहिए कि हम अपने आर्टवर्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा सकें। मैंने बचपन विषय पर ही ज्यादा कार्य किया, मगर फिर भी इसमें कई नई चीजें मिल जाती है। मेरे अनुसार बचपन अंतहीन है, ये हम ही है जो इसे खत्म कर बड़े होने की जल्दी में होते हैं।