सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे का आरोप, सोची समझी साजिश से हुआ अकांक्ष का मर्डर
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने चंडीगढ़ पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है।
जेएनएन, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में वीरवार तड़के बीएमडब्ल्यू कार से कुचले गए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के भतीजे अकांक्ष की मौत को लेकर वीरभद्र बेटे विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि अकांक्ष की मौत का कारण केवल उस पर गाड़ी चढ़ाना नहीं रहा, बल्कि ऐसा लग रहा है कि जैसे यह सोची समझी साजिश के तहत योजनाबद्ध तरीके से मर्डर हुआ है।
उन्होंने कहा कि पीजीआइ के डॉक्टरों से उन्होंने अकांक्ष की चोटों को लेकर बात की थी, जिससे ये बात सामने आ रही है कि अकांक्ष के सिर में तो चोट थी ही, लेकिन गले के पीछे भी चोट है, जो गाड़ी से हिट करने की चोट नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वजह सामने आ ही जाएगी। वे शनिवार दोपहर मोर्चरी से अकांक्ष की बॉडी ले जाने से ठीक पहले पत्रकारों से रूबरू हुए।
विक्रमादित्य ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस जिस धीमी गति से काम कर रही है, उससे लग रहा है कि कहीं न कहीं राजनीतिक दबाव काम कर रहा है। घटना को घटे 48 घंटे हो गए और पुलिस के पास आरोपियों के फोटो, उनकी गाड़ी का नंबर व घर के पते उपलब्ध हैं, लेकिन बावजूद इसके पुलिस खाली हाथ है। चंडीगढ़ पुलिस के उच्चाधिकारी आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। आइजी और एसएसपी छुट्टी पर हैं। लग रहा है कि पुलिस पर परिजनों का राजनीतिक दबाव है। ऐसी जानकारी मिली है कि आरोपी विदेश भागने की फिराक में हैं। पुलिस को इमीग्रेशन एजेंसियों को रेड कॉर्नर नोटिस जारी करना चाहिए, ताकि विदेश न भाग पाएं।
दो राज्यों की राजधानी में कानून स्थिति बदहाल
विक्रमादित्य ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पुलिस की धीमी जांच व आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मिलेंगे। चूंकि चंडीगढ़ पुलिस सीधे गृहमंत्रालय के अंडर आती है। यही नहीं मुख्यमंत्री पंजाब के राज्यपाल व यूटी के प्रशासक बीपी बदनौर से भी पुलिस जांच में तेजी लाने का आग्रह करेंगे। आरोपी हार्डकोर क्रिमिनल नहीं है, ये तो तय है, लिहाजा पुलिस अगर चाहती तो उन्हें आराम से पकड़ सकती थी। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ दो राज्यों की राजधानी है और यहां पर कानून व्यवस्था का इतना खराब होना सवाल खड़े करता है। आम आदमी यहां कैसे न्याय की अपेक्षा कर सकता है।
वीरभद्र बोले, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
उधर, हिमाचल भवन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी कहा कि पुलिस जांच व पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने का इंतजार है। इसके बाद आगे का एक्शन तय करेंगे।
चार डॉक्टरों के पैनल ने किया अकांक्ष का पोस्टमार्टम
पीजीआइ में शनिवार को मोर्चरी में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी के भतीजे अकांक्ष का पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम देर से शुरू होने के चलते दोपहर 1 बजे परिजनों को बॉडी सौंपी जा सकी। पार्थिव देह को हिमाचल प्रदेश के परवाणू से आई एंबुलेंस में कसौली के पास कुठाड़ ले जाया गया। हिमाचल प्रदेश सरकार के तमाम अधिकारी, जो वीरवार से पीजीआइ में मौजूद थे, का काफिला पार्थिव देह के साथ गया। पहले परिजनों ने दोपहर 3 बजे अंतिम संस्कार का समय रखा था, लेकिन पोस्टमार्टम में देरी के चलते इसका समय भी बदला गया।
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डॉ. एससी मंडल रहे पोस्टमार्टम पैनल के हेड
पोस्टमार्टम पैनल में फोरेंसिक साइंस के डॉ. एससी मंडल रहे, जो हेड थे। डॉ. दंडापानी और डॉ. बीडी रडोत्रा के अलावा प्रशासन का एक सदस्य भी इस टीम में शामिल रहा। पोस्टमार्टम के दौरान चंडीगढ़ पुलिस की वीडियोग्राफी की टीम भी मौजूद रही।
सुबह ही पीजीआइ पहुंच गए थे विक्रमादित्य
अकांक्ष के कजिन और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सुबह करीब 8.45 पर ही पीजीआइ में मोर्चरी के बाहर पहुंच गए थे। धीरे-धीरे यहां पर कई अन्य रिश्तेदार, दोस्त व हिमाचल सरकार के उच्चाधिकारी भी पहुंचने लगे। पोस्टमार्टम के दौरान पुलिस ने अकांक्ष के परिजनों व दोस्तों आदि के बयान कलमबद्ध किए गए। पोस्टमार्टम दोपहर 1 बजे के करीब पूरा हुआ और एंबुलेंस में शव कुठाड़ की ओर ले जाया गया। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल ने सीलबंद रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी है।