डेराबस्सी में केमिकल फैक्ट्री के धुंए से फैल रहा प्रदूषण, लोगों ने जताया रोष
डेराबस्सी क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली 57 फैक्ट्रियों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बंद करने के निर्देश जारी किए हैं।
जागरण संवाददाता, मोहाली : डेराबस्सी क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली 57 फैक्ट्रियों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। बावजूद कई फैक्ट्रियां पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) के नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। चंडीगढ़-अंबाला मुख्य सड़क पर बने रेलवे फ्लाईओवर के पास पीसीसीपीएल फैक्ट्री में निकलता धुंआ फ्लाईओवर पर ऐसे छाया हुआ था जैसे सर्दियों के मौसम में धुंध छाई होती है। इस धुंए के कारण जहां लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है वहीं आंखों में जलन होना शुरू हो जाती है। स्थानीय लोगों ने उक्त फैक्ट्री से फैल रहे प्रदूषण को लेकर रोष जताया है। लोगों का कहना है कि फैक्ट्री से निकलने वाला धुंआ फ्लाईओवर से गुजरने वाले हजारों लोगों को नजर आता है लेकिन स्थानीय प्रशासन अधिकारियों सहित पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को कई सालों से यह समस्या दिखाई नहीं दी।
फैक्ट्री से क्षेत्र का पानी और हवा दोनों में घुल रहा जहर
डेराबस्सी निवासी रजिदर सिंह, कपिल देव, अभिषेक भारती ने कहा कि शाम होते ही उक्त फैक्ट्री में निकलते धुंए व बदबूदार गैस से सांस लेने में तकलीफ होती है। एनजीटी में प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे गांव ईसापुर के नंबरदार करनैल सिंह सहित अन्य लोगों ने रोष प्रकट करते हुआ कहा कि फैक्ट्री के कारण डेराबस्सी क्षेत्र के पानी के साथ हवा को प्रदूषित हो रही है। क्षेत्र के पानी को फैक्ट्रियों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण से बचाने में सरकार नाकाम रही है। क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे फैक्ट्री अधिकारी रविदर चट्ढा ने कहा कि वह छुट्टी पर हैं इसलिए उनको मामले की जानकारी नहीं है। दूसरी तरफ फैक्ट्री के उच्चाधिकारी अवतार सिंह के साथ बार-बार संपर्क करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस संबंधी एसडीएम डेराबस्सी पूजा सियाल ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ मोहित बिष्ठ ने कहा कि मामले की जांच करके बनती कार्रवाई की जाएगी।