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    COVID Cyber Scam: रेमडेसिविर व एंफोनेक्स के नाम पर यूपी, झारखंड, पंजाब व हरियाणा में ठगी, तीन शातिर मोहाली से गिरफ्तार

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Mon, 07 Jun 2021 07:12 AM (IST)

    पंजाब पुलिस व साइबर क्राइम ब्रांच ने कोरोना मरीजों से इंजेक्शन के नाम पर ठगी करने वालों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। यह अंतरराज्यीय गिरोह श ...और पढ़ें

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    आरोपितों के बारे में बताते एसपी साइबर गुरजोत सिंह कलेर। जागरण

    मोहाली [संदीप कुमार]। COVID Cyber Scam: कोरोना महामारी में भी कुछ लोग शातिरपन दिखाकर मोटी कमाई कर रहे हैं। साइबर क्राइम व मोहाली पुलिस ने ऐसे ही तीन शातिर लोगों को गिरफ्तार किया है। यह लोग जरुरतमंद मरीजों से रेमडेसिविर (Remdesivir) व ब्लैक फंगस के एंफोनेक्स (Amphonex) इंजेक्शन के नाम पर लाखों रुपये ठग देते थे। इस इंटर स्टेट गिरोह के सदस्य सहमे हुए लोगों में झूठी उम्मीद जागकर रेमडेसिविर व ब्लैक फंगस (एंफोनेक्स) इंजेक्शन सस्ते दाम पर बेचने का लालच देकर उनसे ठगी करते थे, जिनको गिरफ्तार कर इस गिरोह का पर्दाफाश किया गया है।

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    गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान अमित कुमार निवासी शिवालिक विहार जीरकपुर, मंदीप सिंह निवासी गांव ईशाक भेहवा कुरुक्षेत्र व कुलविंदर कुमार निवासी टीकरी कुरुक्षेत्र के रुप में हुई है। आरोपितों के खिलाफ थाना जीरकपुर में आइपीसी की धारा 419, 420, 120बी, 51ए व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 53 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपितों को कोर्ट में पेश कर 4 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया था। जिनसे रेमडेसिविर व ब्लैक फंगस इंजेक्शन के नाम पर ठगे गए कुल 14 लाख रुपये व 5 एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं।

    आरोपितों से बरामद सामान। जागरण

    Whatsapp Group पर करते थे प्रचार 

    एसपी साइबर गुरजोत सिंह कलेर ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि गिरफ्तार आरोपितों ने इस महामारी का फायदा उठाकर लोगों को ठगने का प्लान बनाया। उन्होंने रेमडेसिविर व ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की बढ़ती डिमांड को देखते हुए इंटरनेट मीडिया पर इस इंजेक्शनों को सस्ते दाम पर बेचने का विज्ञापन दिया। अलग-अलग फोन नंबरों के जरिए इस एडवरटाइजमेंट को वाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया। रेमडेसिविर व ब्लैक फंगस इंजेक्शन के सस्ते दाम देखकर जरूरतमंद मरीजों ने उनके साथ संपर्क किया और इन धोखेबाजों द्वारा उनसे अपने अलग-अलग बैंक खातों में पैसे डलवाकर बाद में उनके नंबर उठाने बंद कर दिए।

    एचडीएफसी बैंक व  इंडस बैंक में डलवाते थे पेमेंट

    आरोपितों ने एचडीएफसी बैंक व इंडस बैंक में अपने अलग-अलग नाम से अकाउंट खुलवाए हुए थे। उक्त गिरफ्तार किए गए सभी आरोपित टैक्सी चलाने का काम करते हैं। जिन्होंने गूगल से ठगी मारने का काम सीखा। यह गिरोह पिछले दो-तीन महीने से एक्टिव था, जो कि वाट्सएप कॉल के जरिए जरूरतमंद मरीजों से संपर्क करते थे। इस गिरोह के मैंबरों ने कई वाट्सएप ग्रुप बनाए हुए थे। उक्त बैंक अकाउंट में वह पैसे डलवाते थे, लेकिन वह बैंक में आई यह रकम एटीएम के जरिए नहीं बल्कि पेट्रोल पंप प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) के माध्यम से पैसे निकलवाते थे, ताकि पकड़े न जाए।

    कुरुक्षेत्र का कुलविंदर मास्टरमाइंड

    पूछताछ में यह बात सामने आई कि कुलविंदर कुमार इस गेम का मास्टरमाइंड था। उसे इंग्लिश अच्छी बोलनी आती है। वह उनसे संपर्क करने वाले जरूरतमंद मरीजों को अंग्रेजी में बात करके भरमा लेता था और लोग उसकी बातें सुनकर विश्वास भी कर लेते थे। यह लोग दूर के एरिया में रहने वाले मरीजों को अपना टारगेट बना रहे थे। जिन्होंने यूपी, झारखंड, पंजाब व हरियाणा के लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया था।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार झारखंड व यूपी पुलिस ने मोहाली पुलिस को इस तरह की ठगी मारने के तहत संपर्क किया था, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले को क्रैक करने के लिए इंटेलीजेस, साइबर व पुलिस की अलग-अलग टीमों का गठन किया था। पुलिस ने सबसे पहले अमित कुमार निवासी जीरकपुर को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी हो पाई। मास्टरमाइंड कुलविंदर को कैथल हरियाणा से गिरफ्तार किया गया है। जबकि मंदीप हैंडलर था जिसके खाते में पैसे आते थे।

    यह सामान हुआ रिक्वर

    आरोपित मंदीप सिंह के खाते से पुलिस को 3 लाख रुपये व उससे 4 अलग-अलग बैंक के एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं, जबकि कुलवविंदर कुमार से 6 लाख 50 हजार रुपये व 1 एटीएम कार्ड बरामद हुआ है। इसी तरह आरोपित अमित कुमार के बैंक खाते से 1 लाख रुपए बरामद हुए हैं। कुल 14 लाख रुपये की रिकवरी कर ली गई है।