चंडीगढ़ की पंजाब-हरियाणा को दो टूक, एडवांस जमा करवाने पर ही बनाकर देंगे आइटी पार्क में फ्लैट
चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड (सीएचबी) के कई बार रिमाइंडर भेजने पर भी पंजाब और हरियाणा एडवांस जमा कराने को तैयार नहीं है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड (सीएचबी) के कई बार रिमाइंडर भेजने पर भी पंजाब और हरियाणा एडवांस जमा कराने को तैयार नहीं है। अब सीएचबी ने दोनों राज्यों को पत्र भेजकर दो टूक कह दिया है कि एडवांस जमा नहीं कराया तो फ्लैट बनाकर नहीं देंगे। बताया जा रहा है कि बोर्ड ने अपनी चिट्ठी में स्पष्ट कर दिया है कि वह पहले कई बार रिमाइंडर भेज चुके हैं अब सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो प्रोजेक्ट रद कर दिया जाएगा। पंजाब और हरियाणा ने अपने विधायकों और अधिकारियों के लिए आइटी पार्क में 56-56 फ्लैट मांगे थे। इन लग्जरी फ्लैट के लिए दोनों राज्यों ने लिखित में सहमति भेजी, लेकिन अब दोनों इन्हें लेने को तैयार नहीं हैं। सीएचबी ने फ्लैट कंस्ट्रक्शन शुरू करने से पहले दोनों राज्यों से फ्लैट कीमत की 25 फीसद राशि जमा कराने को कहा था। एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी किसी ने कोई पैसा जमा नहीं कराया। इतना ही नहीं दोनों ही राज्यों ने अपनी जमीन पर ही यह फ्लैट बनाने के लिए जमीन तलाशनी शुरू कर दी। हरियाणा मनसा देवी कांप्लेक्स में सकेतड़ी की जमीन पर ऐसी संभावनाएं तलाश रहा है तो पंजाब मुल्लापुर में। अब सवाल यह है कि पंजाब-हरियाणा ने अगर प्रोजेक्ट से हाथ पीछे खींचे तो इसका हश्र भी वैसा ही होगा जैसा पहले बोर्ड के कई प्रोजेक्ट का हुआ है। पंजाब-हरियाणा के साथ पीजीआइ चंडीगढ़ ने भी अपने डाक्टरों और अधिकारियों के लिए फ्लैट मांगे थे, लेकिन पैसा पीजीआइ से भी नहीं मिला। यह तब है जब पीजीआइ की गवर्निग बाडी इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दे चुकी है। सीएचबी प्रोजेक्ट पर कर चुका मेहनत
सीएचबी ने पंजाब-हरियाणा से प्रोजेक्ट पर सहमति के बाद इसकी ड्राइंग तैयार करवा ली। इसके लिए आर्किटेक्ट्स के बीच कंपीटीशन कराया गया। इसके बाद पंचकूला की कंपनी के डिजाइन का चयन किया गया। उसी कंपनी को प्रोजेक्ट का काम सौंपने का निर्णय भी लिया गया। इतनी मेहनत सीएचबी अभी तक कर चुका है। एडवांस राशि नहीं मिलने से अब प्रोजेक्ट डंप होने वाला है। 33 करोड़ कराने होंगे जमा
पंजाब-हरियाणा और पीजीआइ चंडीगढ़ ने दो-दो टावर सीएचबी से आइटी पार्क में मांगे हैं। एक टावर में 28 फ्लैट होंगे। इसमें एक की कीमत दो से ढाई करोड़ के बीच होगी। ऐसे में एक टावर जीएसटी के बाद लगभग 66 करोड़ रुपये का मिलेगा। इसका 25 फीसद एडवांस में सीएचबी ने मांगा है। एक टावर के लिए 16.5 करोड़ रुपये देने होंगे। तीनों ने दो-दो टावर मांगे हैं, तो प्रत्येक को 33 करोड़ रुपये एडवांस में जमा कराना होगा।