जरूरत अनुसार किए गए बदलाव किए जाएं रेगुलर
हाउसिग बोर्ड के मकानों में जरूरत अनुसार बदलाव के लिए गठित कमेटी की बैठक बुधवार को हुई।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हाउसिग बोर्ड के मकानों में जरूरत अनुसार बदलाव के लिए गठित कमेटी की बैठक बुधवार को हुई। बैठक में पूर्व मेयर पूनम शर्मा, चंडीगढ़ रेजिडेंट एसोसिएशन ऑफ वेलफेयर फेडरेशन (क्राफ्ड) के चेयरमैन हितेश पूरी, आर्किटेक्ट सुरिदर बाहगा और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में सदस्यों ने सुझाव दिया कि नीड बेस्ड चेंज को लेकर दो जोन बना दिए जाने चाहिए। जिसमें कहा गया कि जिस जोन में सरकारी जमीन पर निर्माण हुआ है, उनको रेगुलर नहीं किया जाना चाहिए। जबकि जिन्होंने अपने प्लाट के अंतर्गत ही निर्माण किया है उनको रेगुलर कर देना चाहिए। जिसके लिए लोगों से एकमुश्त फीस भी ले लेनी चाहिए। मालूम हो कि शहर में 62 हजार हाउसिग बोर्ड के मकान हैं जिनमें से 80 फीसद लोगों ने कोई न कोई जरूरत के अनुसार बदलाव किया हुआ है जिसे प्रशासन वायलेशन मानता है। बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई कि जो वायलेशन के कारण मकानों के ट्रांसफर पर पाबंदी लगाई गई है उस रोक को हटा देना चाहिए। मालूम हो कि लोगों को राहत देने के लिए प्रशासन ने पिछले साल एक कमेटी का गठन किया था इस कमेटी की यह दूसरी बैठक हुई है। कमेटी की यह शिकायत बोर्ड में भेजी जाएगी जिन पर अंतिम फैसला होगा।
बैठक में इंडिपेंडेंट मकानों में फ्लोर एरिया रेशो बढ़ाने की मांग भी रखी गई है। सदस्यों ने कहा कि एस्टेट ऑफिस ने अपने मकानों में 70 फीसद तक छूट दी हुई है, जबकि सीएचबी के मकानों में अभी तक 55 प्रतिशत निर्माण की ही छूट है। उन्होंने कहा कि बोर्ड को एस्टेट ऑफिस की तर्ज पर जल्द इसे लागू करना चाहिए। इसके अलावा फ्लैट्स में बिना एनओसी लिफ्ट की अनुमति देने की भी मांग की है।