बर्थडे और सालगिरह मनाने का बदला तरीका, रक्त और प्लेटनेट दान कर बचा रहे लोगों की जिंदगी
चंडीगढ़ के सेक्टर-52 में रहने वाला राकेश शर्मा कॉलेज स्टूडेंट है और 24 साल की उम्र में अब तक 15 बार रक्तदान और 28 बार प्लेटनेट डोनेट कर चुका है।
चंडीगढ़, सुमेश ठाकुर। कोरोना महामारी ने इंसान के लाइफस्टाइल को बदलकर रख दिया है। चंडीगढ़ के सेक्टर-52 में रहने वाला राकेश शर्मा कॉलेज स्टूडेंट है और उसका मकसद जीवन में दूसरों की मदद करना है। अपनी इसी सोच को पूरा करते हुए राकेश शर्मा 24 साल की उम्र में अब तक 15 बार रक्तदान और 28 बार
प्लेटनेट डोनेट कर चुका है। कोरोना महामारी के शुरू होते ही अस्पतालों में खून की कमी देखने को मिलने लगी, जिसके बाद राकेश ने एक मुहिम शुरू की और जन्मदिन से लेकर शादी की सालगिरह तक के हर कार्यक्रम में घर में पार्टी करने और गिफ्ट लेन-देन की परंपरा को खत्म कर दिया और रक्तदान करवाना शुरू कर दिया।
छह महीनों में करवाया आठ सौ यूनिट रक्तदान
राकेश ने मार्च से लेकर अब तक कोरोना महामारी के दौरान आठ सौ यूनिट रक्तदान करवाया है। वह चंडीगढ़ के अलावा मोहाली, पंचकूला, जीरकपुर और डेराबस्सी में रक्त पहुंचाने का काम करते है। इसके लिए उसने वाट्सएप ग्रुप ट्राईसिटी ब्लड एंड मेडिकल स्पोट बना रखा है और उसमें अपने जानकारों को जोड़ रखा है। ग्रुप में जब भी कोई अस्पताल में खून की जरूरत का मैसेज डालता है तो उसके बाद राकेश खुद उस तक रक्त पहुंचाने का प्रबंध करता है। इसके लिए वह पहले अपने दोस्तों या फिर जानकारों से बात करता है और जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल भी छोड़कर आता है। इसी प्रकार से वह उन्हें प्लेटनेट भी पहुंचाते है।
रक्तदान सबसे बड़ी पार्टी और गिफ्ट
राकेश ने कहा कि पार्टी में तो हम पैसे खर्च करके सिर्फ अपना पेट भरते है और गिफ्ट से हम सामाजिक जरूरत को पूरा करते है लेकिन रक्तदान और प्लेटनेट ऐसी जरूरत है जो किसी को नया जीवन देती है। उस जीवन का कोई मोल नहीं होता। इसलिए रक्तदान को अभियान के तौर पर चला रहा हूं। जिसे भविष्य में भी जारी रखा जाएगा।