चंडीगढ़ की स्कूल प्रिंसिपल राजबाला ने जीती कोरोना से जंग, 14 दिन आइसोलेशन के दौरान देखी 40 पुरानी फिल्में
चंडीगढ़ के सेक्टर- 18 स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल राजबाला कोरोना संक्रमित हो गई थी। अब वह पूरी तरह से ठीक हैं। उन्होंने बताया कि नकारात्मक सोच से बचने के लिए 14 दिन आइसोलेशन के दौरान 40 पुरानी फिल्में देखी।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। कोरोना संक्रमण आम बीमारियों की तरह नहीं है यह काफी घातक और जानलेवा साबित हो रही है। लेकिन यदि कोरोना हो जाता है तो इससे डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अगर हम सकारात्मक सोचेंगे तो जल्दी इस बीमारी को हरा पाएंगे। इसी सोच ने मुझे कोरोना को हराने में मदद की। यह कहना है सेक्टर- 18 स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल राजबाला का।
राजबाला कोरोना को हराकर बिल्कुल ठीक हो चुकी हैं और वापस अपने काम पर लौट चुकी हैं। कोरोना के बारे में राजबाला कहा कि संक्रमित के होने के बाद डरने से कहीं ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। यदि हम ध्यान रखते हैं और डॉक्टर के बताए अनुसार दवाई लेते हैं तो निश्चित तौर पर पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं।
पुराने फिल्में देखकर बढ़ी सकारात्म सोच
प्रिंसिपल राजबाला ने कहा कि आइसोलेशन में जाने के बाद सबसे ज्यादा मुश्किल समय को गुजारना होता है। उस समय में मैंने पुरानी फिल्मों को देखा। 14 दिनों की आइसोलेशन में मैंने करीब 40 पुरानी फिल्मों को देखा जिन्हें देखकर पुरानी यादें भी ताजा हुई और इसके साथ मेरी सकारात्मकता भी बढ़ी। उन्होंने कहा कि कोरोना में सबसे ज्यादा जरूरी है पॉजिटिव रहना और यह काम हम मनोरंजन के साधनों से कर सकते है। मुझे फिल्में देखना पसंद हैं इसलिए मैंने ऐसा ही किया। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव रखें यदि कोरोना हो जाता है तो उससे डरने की जरूरत नहीं है बल्कि उससे मुकाबला करने की जरूरत है।
परिवार का सहयोग भी जरूरी
कोरोना से लड़ने के लिए जितना इंसान के अंदर बेहतर मनोबल होना जरूरी है उससे भी कहीं ज्यादा जरूरी है परिवार का सहयोग। मेरा बेटा मेरे से भी पहले कोरोना पॉजिटिव हो चुका है। ऐसे में मेरे पति ने मेरा और मेरे बेटे को ठीक उसी प्रकार से ध्यान रखा जैसे आम दिनों में रखते थे, जिसके कारण हम समय पर कोरोना को हराने में कामयाब हुए।