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Chandigarh News: वेटलिफ्टर वीरजीत ने राष्ट्रीय खेलों में जीता सिल्वर, खेलो इंडिया में बनाया था नेशनल रिकार्ड

वेटलिफ्टर वीरजीत कौर वर्तमान में चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट कालेज- 42 में पढ़ती हैं। इंडिया की टाप खिलाड़ियों में गिनी जाती वीरजीत 55 किलोभारवर्ग में खेलती हैं। वह सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में भी रजत पदक जीत चुकी हैं।

By Vikas SharmaEdited By: Pankaj DwivediPublished: Sun, 02 Oct 2022 12:41 PM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 12:41 PM (IST)
Chandigarh News: वेटलिफ्टर वीरजीत ने राष्ट्रीय खेलों में जीता सिल्वर, खेलो इंडिया में बनाया था नेशनल रिकार्ड
चंडीगढ़ की वेटलिफ्टर वीरजीत ने चंडीगढ़ में गोल्ड मेडल जीता है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। गुजरात में चल रहे नेशनल गेम्स में शहर की वेटलिफ्टर वीरजीत कौर ने सिल्वर मेडल जीता है। वीरजीत कौर ने कुल 181किलोग्राम भार उठाया। उन्होंने 81 किलोग्राम का स्नैच और 100 किलोग्राम का क्लीन एंड जर्क लगाया। वीरजीत ने बताया कि अब उसका अगला लक्ष्य एशियन गेम्स -2023 की वेटलिफ्टिंग टीम में जगह बनाना है।

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हरियाणा की रहने वाली हैं वीरजीत

हरियाणा के रोरी गांव की रहने वाली वीरजीत कौर वर्तमान में पोस्ट ग्रेजुएट कालेज- 42 में पढ़ती हैं। वह स्पोर्ट्स कांप्लेक्स-42 में प्रैक्टिस करती हैं और इससे पहले कई टूर्नामेंट में खुद को साबित कर चुकी हैं। इंडिया की टाप खिलाड़ियों में गिनी जाती वीरजीत 55 किलोभारवर्ग में खेलती हैं। इससे पहले जूनियर कैटेगरी में नेशनल रिकार्ड होल्डर हैं।

15 किलोग्राम की बारबेल राड से प्रैक्टिस शुरू की

वीरजीत ने बताया कि कालेज में वेटलिफ्टिंग सेट नहीं था। इस पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 15 किलोग्राम की बारबेल राड से प्रैक्टिस शुरू कर दी। दो महीने खुद प्रैक्टिस की। इसके बाद जब आत्मविश्वास बढ़ा तो स्पोर्ट्स कांप्लेक्स- 42 में आकर प्रैक्टिस शुरू कर दी। एक साल की प्रैक्टिस के बाद नागपुर में आयोजित खेलो इंडिया-2020 में नेशनल रिकार्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता था। 

मैंने 49 किलोग्राम भारवर्ग में खेलते हुए 70 किलोग्राम की स्नैच और 90 किलो क्लीन एंड जर्क वेट उठाकर रिकार्ड बनाया था। कुछ दिक्कतों की वजह मैंने चंडीगढ़ छोड़कर गांव में प्रैक्टिस करने की सोची। मैंने इसी साल मार्च में सीनियर नेशनल चैंपियनशिप मेंं सिल्वर मेडल जीता था।

बिना कोच जीता सिल्वर मेडल

मुझे पूरी उम्मीद थी कि नेशनल गेम्स में मेरा गोल्ड मेडल आएगा, लेकिन एक किलो अतिरिक्त न उठा पाने की वजह से चूक गई। मेरे पास जहां कोई कोच नहीं था लेकिन पंजाब के कोच सर्बजीत सिंह कांडा ने मेरी काफी मदद की। इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करती हूं।


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