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चंडीगढ़ में कोई रिश्वत मांगे तो इस नंबर 8360817378 पर करें शिकायत, एक्शन तुरंत, पहचान रखी जाएगी गुप्त

चंडीगढ़ प्रशासन भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपना रहा है। अभी हाल ही में हेल्थ सेक्रेटरी यशपाल गर्ग को विजिलेंस सेक्रेटरी का जिम्मा सौंपा गया है। विजिलेंस डिपार्टमेंट ने शिकायत के लिए फोन नंबर वाट्सएप मैसेज की सुविधा और ई-मेल आइडी जारी की है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Wed, 16 Nov 2022 12:56 PM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2022 12:56 PM (IST)
चंडीगढ़ में कोई रिश्वत मांगे तो इस नंबर 8360817378 पर करें शिकायत, एक्शन तुरंत, पहचान रखी जाएगी गुप्त
चंडीगढ़ में रिश्वत मांगने वालों की शिकायत के लिए नंबर जारी किया गया है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। अब अगर आपसे कोई रिश्वत मांगता है या बेवजह फाइल अटकाए रखता है तो तुरंत इसकी शिकायत कीजिए। सबसे बड़ी बात यह है कि आपकी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी। किसी से डरने की जरूरत नहीं है। आप निश्चिंत होकर अपनी शिकायत कर सकते हैं।

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विजिलेंस को ऐसी कोई भी शिकायत करने के लिए फोन नंबर या वाट्सएप नंबर 8360817378 पर शिकायत या जानकारी दे सकते हैं। ई-मेल आइडी sspvigc.chd@nic.in या vigilance-chd@nic.in पर संपर्क कर सकते हैं।

यूटी प्रशासन भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपना रहा है। अभी हाल ही में हेल्थ सेक्रेटरी यशपाल गर्ग को विजिलेंस सेक्रेटरी का जिम्मा भी सौंपा गया है। चीफ विजिलेंस आफिसर कम एडवाइजर धर्म पाल से चर्चा के बाद विजिलेंस डिपार्टमेंट ने फोन नंबर, वाट्सएप मैसेज की सुविधा और ई-मेल आइडी जारी की है। डिपार्टमेंट, बोर्ड और कारपोरेशन में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। अगर कोई भी आफिसर या स्टाफ रिश्वत मांगता है तो इन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए जो शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी। चंडीगढ़ प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। 

आनलाइन ही फाइल को देनी होगी मंजूरी, अटकी तो गिरेगी गाज

एनआइसी के ई-आफिस माड्यूल की सफलता का देखते हुए बाकी सभी डिपार्टमेंट को भी इसे अपनाना होगा। दिसंबर 2022 तक सभी डिपार्टमेंट आनलाइन मोड से ही फाइलों का आदान प्रदान करेंगे।चीफ विजिलेंस आफिसर धर्म पाल की सलाह पर सभी फाइलों का फिजिकली आदान प्रदान बंद कर दिया गया है अब आगे से ई-आफिस से ही डिपार्टमेंट और दूसरे डिपार्टमेंट को फाइलें जाएंगी। कई अधिकारियों और डीलिंग हेड पर यह आरोप लगते हैं कि उनकी फाइल को दबाकर रखा गया है। अधिकारियों से चर्चा के नाम पर भी फाइल अटका कर रखी जाती है। इसको देखते हुए अब ई-आफिस से फाइल को भेजकर कोई भी अधिकारी ट्रैक कर सकता है।


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