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कोरोना के नए ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर चंडीगढ़ के कारोबारी चिंतित, यूटी प्रशासन सतर्क

ओमिक्रान की दस्तक से चंडीगढ़ के कारोबारी चिंतित है। कारोबारियों और व्यापारियों का कहना है कि इस बार संपूर्ण लाकडाउन लगता है तो घाटे से उभर पाना उनके लिए मुश्किल होगा। पहले लगे लाकडाउन से अब भी कई कारोबारी और व्यापारी उभर नहीं पाए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 02:56 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 02:56 PM (IST)
कोरोना के नए ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर चंडीगढ़ के कारोबारी चिंतित, यूटी प्रशासन सतर्क
चंडीगढ़ के कारोबारियों का कहना है कि इस बार संपूर्ण लाकडाउन लगता है तो घाटे से उभरना मुश्किल होगा।

विशाल पाठक, चंडीगढ़। विदेश में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) दस्तक दे चुका है। प्रशासन भी नए वैरिएंट को लेकर अभी से सर्तक हो गया है। अगर नया वैरिएंट शहर में दस्तक देता है, तो एक बार फिर लाकडाउन की स्थिति पैदा हो सकती है, जिसका सीधा असर व्यापार और कारोबार पर पड़ेगा। ऐसे में व्यापारी और कारोबारी वर्ग चिंतित है। कारोबारियों और व्यापारियों का कहना है कि इस बार संपूर्ण लाकडाउन लगता है तो घाटे से उभर पाना उनके लिए मुश्किल होगा। कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर में लगे लाकडाउन से अब भी कई कारोबारी और व्यापारी उभर नहीं पाए हैं।

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कोरोना की दूसरी लहर के बाद प्रशासन को जीएसटी से अब तक का सबसे ज्यादा रेवेन्यू नवंबर में मिला है। नवंबर में प्रशासन को जीएसटी से कुल 180 करोड़ रुपये रेवेन्यू आया है। असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर (एईटीसी) रंधीर सिंह ने बताया कि पिछले साल के नवंबर के मुकाबले इस बार जीएसटी रेवेन्यू में 27 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। उत्तर भारत में पंजाब और दिल्ली के बाद चंडीगढ़ ने इस बार जीएसटी से अच्छा रेवेन्यू कमाया है। पिछले साल प्रशासन को नवंबर में जीएसटी से 141 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। दूसरी लहर की शुरुआत से पहले इस बार अप्रैल में सबसे ज्यादा जीएसटी रेवेन्यू दर्ज किया गया था। अप्रैल में प्रशासन को जीएसटी से 203.29 करोड़ रुपये राजस्व मिला। ये इस साल का सर्वाधिक रेवेन्यू है।

दूसरी लहर में सबसे कम आया जीएसटी रेवेन्यू

इस साल मई में कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी। ऐसे में दूसरी लहर का प्रभाव व्यापार और कारोबार पर देखने को मिला। इसका सीधा असर प्रशासन को जीएसटी से होने वाली कमाई पर पड़ा। प्रशासन को मई में 129.96 करोड़, जून में 120.45 करोड़, जुलाई में 169 करोड़ रुपये की कमाई हुई। अगस्त में जब दूसरी लहर का असर कम होने लगा, उसी के साथ शहर का व्यापार और कारोबार दोबारा रफ्तार पकड़ने लगा। प्रशासन ने अगस्त में 144 करोड़, सितंबर में 152, अक्टूबर में 158 करोड़ और नवंबर में 180 करोड़ रुपये जीएसटी से रेवेन्यू कमाया।

पड़ोसी राज्यों में जीएसटी की स्थिति

राज्य                    नवंबर 2020               नवंबर 2021                बढ़ोत्तरी (फीसद में)

पंजाब                  1,396 करोड़              1,845 करोड़                       32

हरियाणा              5,928 करोड़               6,016 करोड़                       01

हिमाचल प्रदेश      758 करोड़                  762 करोड़                           0

दिल्ली                 3,413 करोड़                4,387 करोड़                      29


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