Commonwealth Games 2022: चंडीगढ़ करेगा निशानेबाजी और तीरंदाजी चैंपियनशिप की मेजबानी
Commonwealth Games 2022 चंडीगढ़ के खेल प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी..। इंग्लैंड के बर्मिघम में 2022 होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में अब चंडीगढ़ भी सह मेजबान होगा।
चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। Commonwealth Games 2022 : चंडीगढ़ के खेल प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी..। इंग्लैंड के बर्मिघम में 2022 होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में अब चंडीगढ़ भी सह मेजबान होगा। जी हां, कॉमनवेल्थ गेम्स के तहत निशानेबाजी और तीरंदाजी की मेजबानी चंडीगढ़ को मिल गई है। चंडीगढ़ में यह आयोजन जनवरी 2022 में होगा जबकि कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन 27 जुलाई से सात अगस्त 2022 तक होगा।
इस संबंध में कॉमनवेल्थ गेम्स महासंघ (सीजीएफ) ने घोषणा कर दी है। इंटरनेशनल स्तर पर क्रिकेट को छोड़कर पहली बार इतने बड़े स्तर खास तौर पर कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी चंडीगढ़ को मिली है। दैनिक जागरण ने सबसे पहले दो जनवरी 2020 के अंक में..तो चंडीगढ़ में लगेगा सोने पर निशाना शीर्षक से खबर प्रकाशित कर यह खुलासा किया था कि चंडीगढ़ को कॉमनवेल्थ-2022 की मेजबानी की तैयारी चल रही है।
इस कॉमनवेल्थ के शूटिंग इवेंट को चंडीगढ़ लाने में चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर का काफी अहम योगदान रहा है। देश को कई इंटरनेशनल खिलाड़ी देने वाला चंडीगढ़ अब कॉमनवेल्थ गेम्स के इंटरनेशनल आयोजन को भी सफल बनाने में जुट जाएगा। अगले दो साल में चंडीगढ़ में निशानेबाजी और तीरंदाजी के लिए इंटरनेशनल स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
खिलाड़ियों में है जबरदस्त खुशी
चंडीगढ़ को निशानेबाजी और तीरंदाजी की मेजबानी मिलने की खबर के बाद यूटी प्रशासन के अधिकारियों से लेकर खिलाड़ियों में जबरदस्त खुशी का माहौल है। आयोजन के लिए सभी ने एक-दूसरे को बधाई भी दी। देश को निशानेबाजी में पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलाने वाले शूटर अभिनव बिंद्रा भी चंडीगढ़ से हैं।
अंजुम मोदगिल, अंगदवीर बाजवा, यशस्विनी और गौरी श्योराण जैसी इंटरनेशनल शूटर चंडीगढ़ के ही हैं। यह भी संयोग की बात है कि देश को ओलंपिक शूटिंग में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले शूटर अभिनव ¨बद्रा भी चंडीगढ़ निवासी हैं। अभिनव ने बीजिंग ओलंपिक-2008 की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था।
शूटिंग हब बन रहा चंडीगढ़
बीते कुछ सालों में चंडीगढ़ शूटिंग स्पोर्ट्स के तौर पर काफी तेजी से उभरा है। नॉर्थ रीजन में चंडीगढ़ में शूटिंग के लिए सबसे बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। सेक्टर-25 स्थित शूटिंग रेंज के अलावा, पंजाब यूनिवर्सिटी शूटिंग रेंज, सेक्टर-10 स्थित डीएवी कॉलेज शूटिंग रेज, मोहाली स्थित शूटिंग रेंज के अलावा पंचकूला में भी उच्च स्तर की शूटिंग रेंज उपलब्ध हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिलने के बाद अब सेक्टर-25 या मुल्लांपुर में इंटरनेशनल स्तर की शूटिंग रेंज तैयार होना तय है। उभरते शूटर करनाल निवासी मनदीप चौधरी ने बताया कि वह साल भर पहले ही शूटिंग के लिए चंडीगढ़ में आए हैं। यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत अच्छा है। मनदीप मोहाली में शूटिंग रेंज में प्रेक्टिस करते हैं।
प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का लगा सही निशाना
वीपी सिंह बदनौर का शूटिंग के प्रति लगाव ने चंडीगढ़ को कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी दिलाने में काफी मदद की है। 70 पास बदनौर खुद कई शूटिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर मेडल जीत चुके हैं। 2019 में भोपाल के बिशनखेड़ी शूटिंग रेंज में आयोजित 28वीं जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप में बदनौर ने सिल्वर मेडल जीता है। बदनौर ने बताया था कि भोपाल की बिशनखेड़ी शूटिंग रेंज उन्हें बेहद पसंद आई और वह चंडीगढ़ में वहां से भी खूबसूरत शूटिंग रेंज बनाने के प्रपोजल पर काम कर रहे हैं।